गजल

– मनोज भावुक वक्त के ताप सहहीं के बाटे बर्फ से भाप बनहीं के बाटे पाप के केतनो तोपी या ढ़ाँपी एक दिन ओकरा फरहीं के बाटे जवना ‘घर’ में…

भोजपुरी गजल

– मनोज भावुक जिनगी भूलभुलइया हम हेरा जातानी. गलती उनकर बाटे हम घेरा जातानी. उ सरवा निर्लज्ज ह हम डेरा जातानी. ताकत होइहें पत्नी हम डेरा जातानी. हम कोल्हू के…

मनोज भावुक के पूर्वांचल गौरव सम्मान

भोजपुरी साहित्यकार मनोज भावुक के पूर्वांचल भोजपुरी महासभा, गाज़ियाबाद पिछला 10 मार्च, 2012 के अपना सबले प्रतिष्ठित अवार्ड पूर्वांचल गौरव सम्मान से सम्मानित कइलसि. भोजपुरी के तमाम संस्थन का बीच…

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