कादम्बिनी सिंह के गजल

– कादम्बिनी सिंह देखऽ तानी कि कबले बिहान होई ऊ अन्हरिया में कतना हरान होई। आँखि आपन उ, होई टिकवले उहाँ सोना-रूपा क जहवाँ खदान होई । बाँटि देतऽ त…

रक्तबीजन के फेरा में (सामयिकी)

– सौरभ पाण्डेय कवनो सरकार आपन लउकत अछमता के बावजूद ओइसन असहाय ना होखे, जइसन कई बेर अटलजी के अगुआई में बनल केन्द्र सरकार में भइल करे। अटलजी के सरकार…

भिखारी ठाकुर के जयन्ती का अवसर पर स्मरण

भोजपुरी लोक-रंग के प्रतीकःभिखारी – डॉ0 अशोक द्विवेदी अपना समय सन्दर्भ में भिखारी ठाकुर, अपना कला-निष्ठा आ कबित-विवेक वाला रंग-कर्म से अपना समय के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार रहलन। ऊ लोकनाट्य-परम्परा…

बोली-भाषा के कविता : आ ओकरा सुघराई के गाँहक

भोजपुरी दिशा-बोध के पत्रिका पाती के नयका अंक आ गइल। पेश बा ओकरा संपादक डॉ0 अशोक द्विवेदी जी के “हमार पन्ना” – एघरी कविता जवना लूर-ढंग , शैली आ कलात्मक…

लोकभाषा के काव्य आ ओकरा चर्चा पर चर्चा

– डॉ अशोक द्विवेदी लोकभाषा में रचल साहित्य का भाव भूमि से जुड़े आ ओकरा संवेदन-स्थिति में पहुँचे खातिर,लोके का मनोभूमि पर उतरे के परेला। लोक कविताई के सौन्दर्यशास्त्र समझे…

साहित्यिक नजरिया आ मूल्यांकन

महानगरन में रहे आ जिये वाला हिन्दी, अंग्रेजी के कुछ कवि आलोचक अपना सुविधा आ समझ का अनुसार ,कवनो अवसर पर ‘लोक‘, ‘लोकजीवन‘ आ संस्कृति के बात करेला आ मन…

भोजपुरी के सौभाग्य आ दुर्भाग्य

भोजपुरी के सौभाग्य बा कि एम्मे एक से एक महात्मा संत, प्रतिभाशाली राजनीतिज्ञ, विद्वान, हुनरमन्द कलाकार, वैज्ञानिक आ समाज सेवियन क लमहर कतार बा. विशाल भू-भाग, नदी-पहाड़ आ कृषि संपदा…

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