लोक कवि अब गाते नहीं – ८

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) सातवाँ कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि पत्रकार के नाराजगी का बादो लोक कवि के सम्मान मिलल आ सम्मानित…

लोक कवि अब गाते नहीं – ७

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) छठवाँ कड़ी में रउरा लोक कवि के सम्मान खातिर तिकड़म भिड़ावत पत्रकार का बारे में पढ़ले रहीं जे ओकरा…

लोक कवि अब गाते नहीं – ६

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) पँचवा कड़ी में रउरा पढ़ले रहीं कि लोक कवि के तरह अपना ग्रुप का लड़िकियन का साथे बेवहार करत…

लोक कवि अब गाते नहीं – ३

(दयानंद पाण्डेय के लिखल आ प्रकाशित हिन्दी उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद) दुसरका कड़ी से आगे….. बाजार में लोककवि के कैसेटन के बहार रहे आ उनुकर म्यूजिकल पार्टी चारो ओर छवले…

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