गज़ल – जिंदगी रेत जइसन पियासल बिया

डॉ. हरेश्वर राय सियासी छेनी से कालिमा तरासल बिया I चांदनी हमरा घर से निकासल बिया II भोर के आँख आदित डूबल बा धुंध में I साँझ बेवा के मांग…

Scroll Up