एगो भोजपुरी चैनल के ढेर दिन से इन्तजार काहे रहल हा?
वनिता कोहली खण्डेकर
कलर चैनल का चरचा में बुझाता कि सब केहू महुआ के भुला गईल बा जवन कि भोजपुरी में दुनिया के पहिलका मनोरंजन चैनल हऽ.
भारत के पहिलका भोजपुरी मनोरंजन चैनल, अंगरेजी में कहीं त जेनरल इन्टरटेनमेंट चैनल भा जीईसी, एही साल अगस्त में शुरु भईल. महुआ के प्रवर्तक सेन्चुरी कम्युनिकेशन ह जवना का बारे में लोग के कम जानकारी बा. सेंचुरी क्म्युनिकेशन के दावा बा कि ऊ ४०० करोड़ के व्यवसाय करे वाली कमंपनी हऽ, पिक्सिअन नाम के स्टुडियो के मालिक हऽ, विज्ञापन फिलिम बनावेले, ९ गो रेडियो फ्रिक्वेन्सी के मालिक हऽ आ टीवी चैनलन खातिर विज्ञापनो बेचेले. कम्पनी के अध्यक्ष आ प्रबन्ध निदेशक पी के तिवारी का अनुसार महुआ चैनल पर खरच भईल ७५ करोड़ रुपिया एक साल का भीतरे निकलि आई. साल का भीतरे एगो म्यूजिक चैनल आ एगो फिलिम चैनलो ले आवे के योजना पर काम चल रहल बा, जवना से कि भोजपुरी में समहर सामग्री परोसल जा सके. पिछला कई साल से तिवारी जी भोजपुरी फिलिमन के टीवी अधिकार खरीदत आ रहल बाड़न आ अबले करीब बीस करोड़ का खरचा कर के २०० भोजपुरी फिलिम के लाइब्रेरी बना चुकल बाड़े. साफ साफ त ना बतवले बाकिर भोजपुरी में एगो समाचारो चैनल ले आवे के तईयारी कर रहल बाड़े शायद.
भोजपुरी संस्कृति पर होत हमला. एगो सामयिक चेतावनी.
परमानंद सुबराह
ई अंश हमरा संघतिया भोजपुरिहन के संबोधित बा. एह देश में हमनी के कुली पुर्वजन के वंशज सोचले रहुवे लोग कि एह देश के सभ्यता आ शिक्षा पर ओह लोग के पूरा मलिकाना रही. हमनी से जुड़ल हर चीज के हिकारत से देखल गइल, हमनी के रहे के तौर तरीका, खाए के तरीका, बोले के तरीका. हमनी के परपंरा आ हमनी के भाषा मजाक के विषय बना दिहल गइल. मानत बानी कि दुनिया से संवाद के माध्यम खाली भोजपुरी के राखेवाला ओह लोगन से आशा ना कइल जात रहे कि ऊ लोग क्रिओल के जानकार बनि जावो, अगरेजी आ फ्रेंच के त बाते छोड़ दीं. (दुनिया के भाषाविद् एहमे कवनो बुराई ना देखिहें बाकिर तब भाषाविद् लोग पढ़ल लिखल आ सभ्य समाज के लोग होला.) तबहियों ऊ लोग सुपरवाइजरी आ दासन से काम लेबे में बढ़िया रहुवे. समाजशास्त्रीओ लोग जानेला कि हर समुदाय अपना अलगा रहनसहन के अधिकार राखेला, आ कवनो परंपरा दोसरा कवनो परंपरा से ना त हेठ हो ले ना जेठ हो ले, चाहे ऊ पेरिस, लंदन, अफ्रीका भा न्यू गिनिया में रहे.
बिल्ली के गला में घंटी के बांधे?
अभय त्रिपाठी
सवाल बड़ा विकट बा. स्वाभाविक बा जवाब भी वईसने होखी. पर सबसे जरुरी ई बा कि सवाल जनमला के कारण जानल जाव. हम पिछला दिनन से चलल आ रहल अमरनाथ श्राइन बोर्ड के जमीन विवाद से उपजल आन्दोलन के बात कर रहल बानी. एगो समस्या बनल बनावल होला अउरी एगो समस्या के बनावल जाला. हालात कईसनो होखे बनावल गईल समस्या के विरोध के पीछे ठाड़ लोगन के हाँ में हाँ मिलावल वईसने बात होखी जइसे शिवजी के भस्मासुर के वरदान दिहल. शिवजी के बचाव खातिर त फ़िर भी विष्णु जी पहुँच गइले पर इंहा उपद्रव के आग में जले वाले निर्दोष लोग के बचाव खातिर के आगे आई.
मनोज तिवारी पर डाक टिकट
बड़ा शोर भइल रहुवे मनोज तिवारी पर डाक टिकट निकले के. बड़ा खुशी भइल रहुवे कि चलऽ एगो भोजपुरी कलाकार के इज्जत मिलल.
बाकिर ई बात बलिया के सौरभ सिंह वाला हो गइल. सौरभ हल्ला करवा दिहलसि कि ओकरा नासा खातिर चुन लिहल गइल बा. आ राष्ट्रपति कलाम साहबो के ई शुभअवसर ना मिलल रहुवे. यूपी विधान सभा में ओकर सम्मान कइल गइल. जेने देखी तेनिये लोग ओकर सम्मान समारोह करत रहुवे आ ईनाम के झड़ि लाग गइल रहुवे. बाद में मालूम भइल कि सब झूठ हऽ.
चलीं अब कुछ बात कइल जाव, हालैण्ड के, जवना के पूरा दुनिया नीदरलैण्ड का नाम से जाने ले. डच भाषा का चलते कुछ लोग ओकरा के डच नाम से भी जानेला. नीदरलैण्ड में डाक विभाग निजी क्षेत्र में बा आ टीएनटी पोस्ट ओकरा के चलावेला.
मुम्बई के भईया..
नौटंकी के तीसरका चरण पूरा हो गइल.
पहिलका में राज ठाकरे उत्तर भारतीयन का खिलाफ, उत्तर भारतीय मतलब भोजपुरिहा, जहर उगिललन. ओकरा साथही सपा के अबु आजमी, अमर सिंह, मुलायम सिंह, आ राजद के लालू प्रसाद राज ठाकरे का खिलाफ बरसल लोग. दूनु तरफ के भड़भूंजा आपन आपन घोनसार गरमा लिहलन स.
दोसरका चरण में बारी आइल आम जनता, जेकरा एह सब से कवनो मतलब ना होखे आ जे दिन रात खटि के दू बेर के रोटी के जोगाड़ में लागल रहेला, के ऊह घोनसारि में भूँजाए के. संगे संगे दोसरो लोग मैदान में कूद पड़ल. राजनीति का एह खेल में के पाछा छूटे के रिस्क लेव!
तीसरका चरण में राज ठाकरे के सहयोगी कांग्रेस पार्टी आपन नाटक खेललस. राज ठाकरे आ अबु आजमी के गिरफ्तारी के नौट्की कइल गइल. दुनु जाना कहले रहे लोग कि जमानत ना लेब स आ दुनु जने जमानत ले लिहलन! कांग्रेस के वोट उत्तरो भारत में बाँच गइल आ महाराष्ट्र मे ओकर सहयोगीराज ठाकरे के भाव बढ़ गइल से बोनस में!
पता ना लोग के अबहियों ई खेला समुझ में आइल कि ना?
नरेन्द्र मोदी एगो आदमी आ कि विचारधारा
अक्टुबर २००१ में गुजरात के मुख्यमंत्री बने का पहिले नरेन्द्र मोदी के बहुते कम लोग जानत रहुवे. साधारण पिछड़ा परिवार में जनमल नरेन्द्र मोदी शुरुवे से संघी विचारधारा का संपर्क में आ गइलें आ बाद में संघ के प्रचारक बन गइलें. संयोग कुछ अइसन बनल कि गुजरात में भाजपा का भीतरी मतभेदन का चलते उनका के मुख्यमंत्री बनावल गइल. संघ के इ पहलका प्रयोग रहुवे जवना में कवनो प्रचारक के शासन प्रमुख बनावल गइल.
लालकृष्ण आडवाणी संक्षिप्त परिचय
गाँधीनगर गुजरात से भाजपा सांसद आ संसद में विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के जनम ८ नवम्बर १९२७ का दिन कराची भइल रहे. बाबूजी के नाम कृष्णचन्द आडवाणी आ माई के नाम ज्ञानी देवी हवे. २५ फरवरी १९६५ के उनकर बिआह कमला जी से भइल जे ओकरा बाद कमला आडवाणी कहाए लगली. एगो बेटा आ एगो बेटी वाला छोटहन परिवार के लालकृष्ण आडवाणी सन् १९४२ से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़ल बाड़न.
तसलीमा नसरीन, के हई? का हई?
तसलीमा आजु काल्ह चर्चा में बाड़ी. मुस्लिम विरोध का चलते पश्चिम बंगाल से निकल के राजस्थान आ फेर ओहिजा से निकल के दिल्ली का राजस्थान भवन में ठहरल तसलीमा आजु के भारत के बेबसी के तस्वीर बनि के उभरल बाड़ी जहाँ कुछ मुट्ठी भर लोग सभकर जिअल हलकान करिके रख दिहले बा.