डा॰ प्रभुनाथ सिंह के असामयिक निधन
भोजपुरी साहित्य के पुरनिया पुरोधा में गिनल जाये वाला आ भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता दिलवावे खातिर सतत संघर्षशील रहल डा॰प्रभुनाथ सिंह के काल्हु रेलगाड़ी में हृदयाघात से मौत हो गईल. ७५ साल के डा॰प्रभुनाथ सिंह बिहार के छपरा जिला के मांझी थाना के मुबारकपुर गांव के रहलन.
प्रभुनाथ बाबू दिल्ली से छपरा जाये खातिर वैशाली एक्सप्रेस से सफर करत रहनी जब गोंडा का लगे उहां के तबियत बहुत खराब हो गईल. निश्चेष्ट पड़ल देख के अगल बगल के लोग जीआरपी के बोलावल. सोमार ३० मार्च के फजीरे बस्ती में जब उतार के अस्पताल ले जाईल गईल त पता चलल कि उहाँ के निधन हो चुकल बा. एह असमायिक निधन का चलते उहाँ के पोस्टमार्टम करावल गईल बा. पुलिस से समाचार पा के घर परिवार के लोग बस्ती चहुँप गईल बा. जहाँ से लोग अन्तिम संस्कार खातिर उनकर पार्थिव शरीर गांवे ले जाई लोग.
प्रभुनाथ सिंह के असामयिक निधन के समाचार देत मशहूर भोजपुरी कवि मनोज भावुक डा॰प्रभुनाथ सिंह के श्रद्धांजलि देत कहलन कि उहां के निधन से भोजपुरी समाज के अपूरणीय क्षति भईल बा. प्रभुनाथ बाबू अध्यापक का रूप में, राजनेता का रुप में, आ भोजपुरी आन्दोलन के एगो कर्मठ कार्यकर्ता का रूप में सभका खातिर एगो आदर्श छोड़ गईल बानी. अँजोरियो परिवार डा॰ प्रभुनाथ सिंह के सादर नमन करत आपन श्रद्धांजलि दे रहल बा.
राजेन्द्र कालेज छपरा से पढ़ाई पूरा कर के लंगट सिंह महाविद्यालय मुजफ्फरपुर का अर्थशास्त्र विभाग में व्याख्याता का पद से आपन कर्मशील जिनिगी शुरु करे वाला प्रभुनाथ बाबू तरैया विधानसभा सीट से दू हालि विधायक चुनइलन आ बाद में डा॰जगन्नाथ मिश्रा के मंत्रीमण्डल में वित्त राज्य मंत्री के पद पर रहलन.
डा॰प्रभुनाथ सिंह के उल्लेखनीय योगदान में बिहार विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा के पढ़ाई शुरु करवावल बा. उहाँ के अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष पद से रिटायर कइनी आ अपना अध्यापक का जिनगी में अर्थशास्त्र आ प्रबंधशास्त्र पर दर्जनो किताब लिखनी. भोजपुरी साहित्य में भी प्रभुनाथ सिंह के लमहर योगदान बा. राजेन्द्र कालेज में पढ़त घरी प्रभुनाथ सिंह के संपर्क कालेज के प्राचार्य मनोरंजन प्रसाद सिहं से भईल जिनकर लिखल फिरंगिया गीत भोजपुरी साहित्य में इज्जत का साथ प्रतिष्ठित भईल. उहें का संपर्क में प्रभुनाथो बाबू भोजपुरी में लिखल शुरु कर दिहनी. बाद में आचार्य कपिल वगैरह का संपर्क में उहाँ का लेखनी में अउरि धार आईल.
प्रभुनाथ सिंह रचित भोजपुरी साहित्य में काव्य संग्रह ई हमार गीत, निबन्ध संग्रह गाँधी जी के बकरी, संस्मरण आ ललित निबन्ध के संग्रह हमार गांव हमार घर, आ कहानी संग्रह पड़ाव के नाम लिहल जा सकेला.
(As on 30 March 2009)
काल्हु मंगल ३१ मार्च का दिने छपरा के रिविलगंज के सिमरिया घाट पर दिवंगत भोजपुरी साहित्यकार, राजनेता आ अर्थशास्त्री प्रभुनाथ सिंह के दाह संस्कार राजकीय सम्मान का साथे कर दिहल गईल. ओकरा पहिले राजेन्द्र स्मारक, राजेन्द्र कालेज, पीएन कालेज, आ उनुका घर पर श्रद्धा के फूल चढ़ावल गईल.
(Added on 1 Apr 2009)