भोजपुरी चैनल महुआ से मिलल बालीवुड में पहिचान, कहलन पारितोष
बिहार का मुजफ्फरपुर में जनमल आ यूपी का गोरखपुर में पलाईल बढ़ल पारितोष कुमार के कहनाम बा कि बालीवुड में ऊ भोजपुरी चैनल महुआ का चलते चिन्हाये लगलन. रंगमंच से जुड़ल पारितोष अबहियों रंगमंच के आपन महतारी माने लन आ कहलें कि मरत दम ले रंगमंच से जुड़ल रहिहें.
रामायण नाटक में दशरथ आ रावण के किरदार जीवन्त बना देबे वाला पारितोष मुंबई में अपना फिलिम के शूटिंग छोड़ के आईल रहलें. ओहि समय उनुका से कुछ बात भईल त बतलवलन कि बिहार विश्वविद्यालय से स्नातक कईला का बाद करीब पनरह साल पहिले ऊ गोरखपुर आईल रहलें आ मानवेन्द्र त्रिपाठी उनुका के एगो मँजाईल कलाकार बना दिहलन.
वाई शंकर मूर्ति, सलेमपुर आ मानवेन्द्र सिहं का साथे ऊ बड़े भाई साहब, कप्तान साहब, मेघदूत की पूर्वांचल यात्रा, रामायण, बकरी, मुआवजा वगैरह दर्जन भर से अधिका नाटकन में अबिनय कईलन. करीब दू बरिस पहिले परितोष मायनगरी मुंबई में दस्तक दिहलन. भोजपुरी चैनल महुआ पर प्रसारित होखे वाला सीरियल मेंहदी तोहरा नाम के आ डोली सजा के रखिहऽ में काम करे के मौका मिलल. मेंहदी तोरा नाम के में ऊ एगो भ्रष्ट इन्सपेक्टर बनलन त डोली सजा के रखिहऽ में एगो सोझबक पति के. दुनू भुमिका के पारितोष जीवन्त बना दिहलन आ दुनू के सराहल जा रहल बा. महुए चैनल पर प्रसारित होखे जा रहल सीरियल क्रान्ति १९४२ में ओ एगो मुखबिर के किरदार में लउकिहन. एगो हिन्दी फिल्म में ऊ पत्रकार बनल बाड़न.
पारितोष बतलवलन कि महुआ के शुरु भईला का बाद मुंबई में बेरोजगारी के दंश झेलत स्ट्रगलरनो के काम मिले लागल बा. अब जब कुछ आउरी चैनल शुरु होखे वाली बाड़ी सन त भोजपुरीओ के कलाकारन के ओहि तरह मान प्रतिष्ठा मिले लागी जईसे दक्खिन के कलाकारन के मिलेला.