मृ्त्युंजय में एगो मजबूत आधार होखी हर कुछ के, कहलें प्रवेश सिप्पी

Pravesh Sippy with Rinku and Nirahua हिन्दी के मशहूर फिल्म सरगम, मेरी जंग, फकीरा, वो कौन थी, गुमना, चोर मचाये शोर, देवता, आ, कालीचरण जइसन सुपर हिट फिल्म बनावे वाला सशक्त फिल्मकार एन एन सिप्पी के सुपुत्र प्रवेश सिप्पी सादगी, सौम्यता, आ व्यवहार के गरिमा से भरल बाड़े. प्रवेश सिप्पी अब भोजपुरी फिल्म मृत्युंजय का साथ भोजपुरी सिनेमा में आपन पहिला डेग बढ़वले बाड़े. उनका से भइल बातचीत से उनका के जाने के कोशिश कइनी आ ओही बातचीत के कुछ अंश एहिजा दे रहल बानी...

भोजपुरी सिनेमा का तरफ झुकाव के कवनो कारण?

हम कुछ नया करे के चाहत रहनी. यार दोस्त से सुनत आइल रहनी कि भोजपुरी बहुते प्यारी भाषा हियऽ, आ दोसरा इलाकाई भाषा का तुलना में उ ज्यादे बढ़िया रही. एही बीचे निर्देशक जगदीश शर्मा का माध्यम से दिनेश लाल यादव से भेट भइल त बाते बात में मृत्युंजय के योजना बन गइल. अगर बढ़िया फिल्म बने त आजुकाल्ह भोजपुरी फिल्मन के बिजनेस बहुते बढ़िया बा.

निर्देशक जगदीश शर्मा एह फिल्म का साथ कतना न्यार कर पइहें?

जगदीश शर्मा निर्देशक बढ़िया हउवें ई बात हिन्दी में उनकर सपूत, लश्कर, देशद्रोही जइसन फिल्मन से साबित हो गइल बा. भोजपुरी में उनकरे केहू सानी नइखे. देवा, उठाइले घूंघटा चाँद देख लऽ, आ, रंगबाज दारोगा में ऊ आपन कौशल दिखा चुकल बाड़े.

एहमें निरहूए के काहे लिहनी ?

बढ़िया अभिनय क्षमता, सहयोगी स्वभाव, आ सफलता के गारण्टी देबे वाला लिहाज से दिनेश लाल यादव बहुते बढ़िया अभिनेता हउवें आ सबसे बड़ बात त ई कि मृत्युंजय का भूमिका में बस उहे फिट बईठत रहलन. एही सब का चलते दिनेशलाल यादव के चुनलीं हम.

रउरा नजर में भोजपुरी सिनेमा के खास तत्व का होला?

सुने में नीक लागे वाला गीत संगीत, आ समुझे में सहज भाव से दिल में पइठ जाये वाली कहानीए भोजपुरी देखनहार के दिल में जगहा बनना पावेले. आ मृत्यंजय में ई सब कुछ मौजूद बा. जब बन के रिलीज होखी तब सभे कही कि वाह, का फिलिम बा! मृ्त्युंजय में जवने कुछ परोसल देखावल जाई ओकर एगो ठोस आधार होखी. एको सीन ठूँसल ना बुझाई. निर्माण आ उत्पादन के गुणवत्ता बनाये रखला पर पूरा जोर रही. कहे के मतलब कि एगो बढ़िया क्वालिटी फिल्म के साथसाथ एकरा में पूरा मनोरंजन, एक्शन, आ कॉमेडी मिली देखेवालन के.

निरहुआ पाखी के जमल जमावल जोड़ी बदल के निरहुआ का साथे रिंकू घोष के जोड़ी बनवला के कवनो कारण ?

बस इहे कि जोड़ी फ्रेश लागो. निरहुआ पाखी के जोड़ी त हमेशा पर्दा पर आवते रहेला, अब एह बदलल जोड़ी से दर्शको लोग के कुछ नयापन के अहसास मिली.

भोजपुरी सिनेमा का भविष्य का बारे में आ माहौल का बारे में का कहब?

एक दिन निरहुआ के फिल्म के प्रीमियर पर गइल रहीं त बहुते अच्छा लागल. भोजपुरी सिनेमा से जुड़ल लोगन में प्रोफेसनलिज्मो देख के अच्छा लागल.

कुछ अपना शुरुआती दौर का बारे में बतइतीं?

नौवीं मे पपढ़त रही तवना घरी डैडी सरगम बनावत रहलें. एक दिन अचके पुछलन कि आगा चल के का बने के बा त हम सोचनी काहे ना हमहू अपना पारिवारिक परम्परा के आगा वढ़ाईं? कुछ दिन बाद हम अमेरिका चलगइनी आ ओहिजा से संपादन के काम सिखनी. ओहिजा से लवटनी त बहुत दिन ले वामन गुरु का साथे जुड़ल रहीं. डैडी का बैनर में बनत फिल्म मेरी जंग, आ, हीरो में सहायक संपादक रहनी. फेर कुछ दिन वितरण का काम में लगनी. पॉपकार्न कंपनी से जूड़नी. तीन साल ले सुनील शेट्टी का साथे रहनी. निम्बस ग्रूप से कार्पोरेट दुनिया मेंशुरुआत कइनी. आकाश खराना आ हरीश भवानी से बहुते कुछ सीखे के मिलल.

जीवन के कवनो खूबसूरत पल?

जब अमिताभ बच्चन जी से भेंट भइल रहहे, दिवाली का रात अभिषेक बच्चन हमरा के नेवतले रहलें. वाकई में देखनी कि बच्चन जी बहुते सहज शालीन सौम्य आ अद्भुत आदमी हईं. जवना मुकाम पर उहाँ का बानी ओकर वाकई में हकदार बानी.


स्रोत : शशिकांत सिंह, रंजन सिन्हा