भोजपुरी लस्टम पस्टम

2 Sep. 2009

ई कलियुगी भाई

- जयन्ती पाण्डेय

रामचेला कहले बाबा लस्टमानंद से, एगो ऊ जमाना रहे जब राम लखन अईसन भाई होत रहे लोग. बाबा लस्टमानंद खईनी थूकि के कहले, रामचेला ओह जमाना में लोग रामायण पढ़े. आज जमाना बा अखबार पढ़े के. रोज अखबार पढ़ऽ तब पता चली कि आज के भाई कइसन होले सन. राम जी के जमाना में भाई आपन सब कुछ अपना भाई के देवे के तईयार रहत रहे. अब त भाई अपना भाईये के हक मारे के फेर में रहऽता. बाप के जायदाद तक में देवे खातिर तईयार ना रहे. सवाल देखऽ कि झगड़ा हमेशा भाईये भाई का बीच होला, भाई बहिन के बीच काहे ना होला. काहे कि बहिनिया त राखी का दिन राखी बाँधे आ भईया दूज के टीका लगावे आवे ली सन. आ जे सब मिलेला ले के मुस्कियात चल जाली सन. माने कि रामचेला बहिन त साल में दू दिन खातिर होली सन आ भाई तीन सौ पैंसठ दिन के खातिर. बहिन के दू दिन के प्यार संबंध जोड़ले रहे के खातिर आ भाई के तीन सौ पैंसठ दिन के साथ तकरार खातिर. बहिन माने ली सन कि परिवार से ओकर रिश्ता प्रेम आ स्नेह के बा. भाई माने ले सन कि परिवार से उनकर रिश्ता माल के खातिर होला.

व्यापारी खानदान में व्यापार खातिर झगड़ा आम बात हऽ. धंधा के झगड़ा अकसर तीसरी पीढ़ी में लागे ला. पहिलकी पीढ़ी त कमाहीं में मर जाला. दूसरका पीढ़ी ओकरा के बढ़ावे में खप जाले. तीसरका पीढ़ी में झगड़ा शुरु हो जाला. ई पईसा के परम्परा हऽ. बाकि आजकल ई झगड़ा दुसरके पीढ़ी में शुरु हो जा रहल बा. हिन्दुस्तान में पईसा के परम्परा तेजी से तरक्की कर रहल बा. जब धनवान भाई में झगड़ा होला त राजनीति भी ओहमें रुचि लेबे लागेला. नेता आ सेठ में मीठा माछी के संबंध होला. दूनो मीठा, दूनो माछी. दूनो एक दोसरा के चारो ओर भिनभिनात रहेला. सेठन के झगड़ा में नेता सुलह करावे के कोशिश करेला. अइसन में एगो लोककथा याद आवत बा जेह में दू गो बिलाईयन का झगड़ा के. अगर ऊ लोककथा इयाद होई त इहो इयाद होई कि ओह समय के बीच में पड़ल रहे.

अब त ई हालत हो गइल बा कि जे घर में भाई होला, ओकर पड़ोसी इहे मान के चलेला कि एक न एक दिन इहंवो झगड़ा होई. एह से जब झगड़ा शुरु होला त पड़ोसियन के ताज्जुब ना होला. ताज्जुब तब होला जब ऊ इंतजार कर कर के थाक जाला आ भाईयन में झगड़ा ना होला. ऊ अचरज में रहेला कि ई कइसन भाई हऽ जे लड़त नइखे. पता ना ई सगा भाई हइयो हऽ कि ना. भाई से एगो शब्द बनेला भाईचारा. अगर त ई शब्द के अर्थ नइखे मालूम त डिक्शनरी में मत देखीहऽ. ओहिजा गलत अर्थ लिखल मिली.

भाई भाई के झगड़ा के बात चलल त कई नाम इयाद आ गइल. कौरव पाण्डव, बाली सुग्रीव, ओरंगजेब दारा शिकोह... भाई भाई के झगड़ा हमनी के परंपरा हऽ, देश के इतिहास हऽ. हमरा देश के गुलामी के इतिहास हऽ. हमरा देश में जब भाई लोग लड़ेला त अइसन लड़ेला कि दुश्मनो ना लड़ी.