भोजपुरी लस्टम पस्टम

19 Feb 2010

कहाँ से आइल पत्नी

- जयन्ती पाण्डेय

रामचेला लस्टमानंद से पुछलें, ई पत्नी कहाँ से आइल ?

बाबा कहलें, पति से. संसार के असंख्य प्राणियन में एगो प्राणी होला जेकर नाम हऽ पति. पति नाम के ई प्राणी केहू ना केहू के मालिक भा स्वामी होला. राष्ट्रपति राष्ट्र के प्रधान होला, सभापति सभा के. आ ऊ जे सबके मालिक ह ओहु के पतिये कहल जाला. पत माने परमेश्वर. पति बा त पत्निओ बा.

पति के स्त्रीलिंग पत्नी कइसे हो गइल ?

ई त मालूम नइखे. पति के स्त्री पतिनी हो, ई त स्वाभाविक ह. पतिनी पति का उल्टा होली सँ. आज पति के परमेश्वर माने के ढकोसला कर तारी सँ. अब ना त पति परमेश्वर रहल, आ नाहीं परमेश्वर के केहू पति मानेला. एगो मीरे रहली जे गिरधर गोपला के पति मनले रही. अब मीरा के परंपरा त खतम हो गइल. अधिकतर लोग नास्तिक भइल जा रहल बा. जब परमेश्वरे ना रहले त भला पति कहाँ रही ?

बाकिर पति केहू होखो, ऊ हमेशा प्रधान होला. ओकरा के प्रधानपद से ना हटावल जा सके. द्रोपदी के पाँच गो पति रहे लोग. बाकिर ई नइखे मालूम कि प्रधानपति के रहे ? ना आजु ले तय हो पावल. सभे अपना जगहा प्रधान रहे. द्रोपदी खुदे ई मानत रहली. अबही ले पत्नीए लोग पति के नाम के सहारा लेत देखल गइल बा बाकिर अब कुछ जगहा बेचारा पति लोग बा जे पत्नी के पद के सहारा ले रहल बा.

अखबारन में अकसर पढ़े के मिले ला कि पति बेसहारा हो गइल, पति के चलत नइखे वगैरह वगैरह, पढ़ के हरान रह जाये के पड़ेला. आजकल के पत्नी का एक से बेसी पति राखत बाड़ी सँ? ओकनी में से एगो के प्रधानपति के दर्जा दे देतारी सँ. इहो आश्चर्य लागेला कि अखबारन में खाली प्रधानपति का बारे में समाचारा कहे छपेला ?

आखिरकार रामचेला एह समस्या के समाधान जोहलें. कहलें कि जरुरत से ज्यादा तरजीह देबे से प्रधानपतियन के प्रधानत्व हथफेर में लिहल प्रधानत्व होला जे ऊ लोग अपना पत्नी से प्राप्त करे ला जे गाँव पंचायत के चुनल प्रधान होला. अब पत्नी प्रधान बिया त ओकर पति प्रधानपतिए होला. अबही ले त पत्नी अपना पति से प्रभुत्व चोरावत देखल जाले. जइसे पति डाक्टर बा त पत्नी डाक्टराइन. पति मास्टर ह त पत्नी मास्टराइन. अब समय बदल गइल बा आ पति लोग मजबूरन पत्नी से प्रभुत्वे रहल बा.