अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

 

सबकरा के होशियार करे जा रहल बानी..

सबकरा के होशियार करे जा रहल बानी..
हम एगो नया प्रयोग करे जा रहल बानी..
सफलता के गारंटी नईऽखे हमरा पास..
फिर भी दिल से दिल जोड़े जा रहल बानी..
सबकरा के....

घर के बाहर चारो तरफ घनघोर अँधेरा बा..
जात पात के सुदर्शन से छिपल दिवाकर बा..
कईसे बताई हम सबके आपन दिल क हाल..
हम तऽ राम रहीम के बात कर रहल बानी..
सबकरा के....

संस्कृति क दुहाई दे वेलेन्टाइन डे के विरोध जरुरी बा..
बर बारात में सरे आम मेहरारुवन के नाच मजबूरी बा..
नाराज होखे क काम नईखे ईऽ अभय के कहनाम बा..
हम तऽ अपना आप के आईना देखावे जा रहल बानी.
सबकरा के....

सबकरा के होशियार करे जा रहल बानी..
हम एगो नया प्रयोग करे जा रहल बानी..