अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

 

डम डम डमरू बजावेले शिव शंकर जोगिया..

डम डम डमरू बजावेले शिव शंकर जोगिया..
जग के रतन लुटावेले शिव शंकर जोगिया..

माथे सोहे चाँद के टीका गरवा लिपटे है भुजंग..
लाज बचावे ल भगतन के माता परवर्ती के संग..
मन के भरम मिटावे भोले शंकर जोगिया..
डम डम डमरू......

जब जब आईल जग में संकट कई ल दुष्टन के संहार..
पी गई ल तू विष के प्याला कह लई ल तू संकटहार..
सबकर करे ल उद्धार भोले शंकर जोगिया..
डम डम डमरू...

आईल बानी तोहरा द्वार सुनी ल हमरो पुकार..
पुरा करी ह चाहे नाही बंद मत करिह आपन द्वार..
महिमा गाईला तोहार भोले शंकर जोगिया..
डम डम डमरू...

डम डम डमरू बजावेले शिव शंकर जोगिया..
जग के रतन लुटावेले शिव शंकर जोगिया..