अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

कुछ कड़ुवा सच

सबकरा के लघुवी से पानी पियावे चाह रहल बानी..
हम दुनिया के कुछ कड़ुवा सच बतावे जा रहल बानी..

मान तानी हमरा पास अभी ऊ रूतबा नईखे त का?
हमरा चेहरा पर उपदेशक नीयर तेज नईखे त का?
सच के सींग पोछ नईखे जे आसानी से पहचानल जाव..
हम तऽ ओकरा के बस जामा पहिरावे जा रहल बानी..
सबकरा के....

हम सही बानी के सोच में सबकर खुशी बसल बा..
एकरा में टुटत परिवार आ समाज के दर्द रचल बा..
खिसियानी हसी देखा के सब एक दुसरा से कटल बा..
हम उहे हसी के पीछे क सच्चाई बतावे जा रहल बानी..
सबकरा के....

रिश्वत के घुट्टी पी पी के भ्रष्टाचारी बनल बलवान बा..
पहिले दाल मे काला रहे अब पूरा दलिये काला बा..
गेहुँ के साथे घुन भी पिसाला ई किस्सा सब जानेला..
अब तऽ सब घुने बा हम इहे बतावे जा रहल बानी..
सबकरा के....

धरम के नाम पर सब इक दुसरा के काटे के तैयार बा..
हमरा ईहाँ हिन्सा के स्थान नईखे सबकर इहे प्रचार बा..
राम, रहीम, गुरु, ईसा के नाम जपला में रोक नईखे..
हम त बस ईऽ नाम के अर्थ बतावे चाह रहल बानी..
सबकरा के....

सबकरा के लघुवी से पानी पियावे चाह रहल बानी..
हम दुनिया के कुछ कड़ुवा सच बतावे जा रहल बानी..