अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

शव से मिलल शक्ति(नारी) शिव हो गईऽल,

शव से मिलल शक्ति(नारी) शिव हो गईऽल,
नारी कहाईऽल जग में शुरुआत हो गईऽल।।

केहु माने ना माने नारी कऽ बस एतने फसाना बा,
कउनो नजर से देखीं ओकरे आँचल में जमाना बा,
जे बूझ गईऽल ऊऽ ठीक बकिया खाक हो गईऽल।
शव से मिलल शक्ति...।।

मरद अगर बा डाल डाल त नारी बिया पात पात,
ओकरा के पावे खातिर सबही लगवले घात घात,
जेकरा मिलल साथ नारी के किस्मत सवँर गईऽल।
शव से मिलल शक्ति...।।

दिया अउर बाती में हमेशा बाती ही बीस रही,
ओकरे आगे सबही कऽ निपोराईऽल खीस रही,
सीताराम राधेश्याम एगो बानगी हो गईऽल।
शव से मिलल शक्ति...

शव से मिलल शक्ति(नारी) शिव हो गईऽल,
नारी कहाईऽल जग में शुरुआत हो गईऽल।।