अभय त्रिपाठी

बनारस, उत्तर प्रदेश

गीत

सजन घर आवे के बेरिया

बदरा डराये घनघोर सजन घर आवे के बेरिया,
ननदी सताये बड़ी जोर सजन घर आवे के बेरिया.

कोयल के कूक दिल में पिरितिया जगाये,
मोरनी जइसन नाचे दिन भर बँहिया फैलाये,
सासु बुलाये अपनी ओर सजन घर आवे के बेरिया,
बदरा डराये घनघोर... .

कइली सिंगार सोचली संईया के रिझायेब,
होले होले प्यार वाला गीत गुनगुनायेब,
घेर लिहलस बैरन नींदिया, सजन घर आवे के बेरिया,
बदरा डराये घनघोर... .

बदरा डरावे घनघोर, सजन घर आवे के बेरिया,
ननदी सताये बड़ी जोर, सजन घर आवे के बेरिया.