ओटोक्का, होबालू, होटूंगा

आलोक पुराणिक

खराब खबर नियरा से आवेला निमन खबर दूर से.

काल्हु रात पुलिया का लगे हमरा संगे छिनतई हो गईल, मतलब कुछ लोग हमार सब कुछ लूट लिहलन. हमार सातो रुपिया छीन लिहलन सन. हम ओहनी के धमकवनी कि अगिला पुलिया पर पुलिस पिकेट बा जा के शिकायत कर देम, त ऊ हँसे लगले सन. कहले सन, पुलिसे से पूछ के त एह पुलिया पर छिनतई करत बानी सन.

निमन खबर दूर से ई आईल कि अदन का खाड़ी का लगे एगो भारतीय नेवी अपना देश के एगो व्यापारिक जहाज के लूटे से बचा लिहलसि. सोमालिया के डकैत लूटै आईल रहले सन. छोट छोट डेंगी लेखा नाव पर सवार लूटेरा दुनिया जहान के बड़ बड़ जहाज के लूटे खातिर कमर कसले, नजर टिकवले सोमालिया के समुद्री डाकू एक तरह से अभिनन्दनीय लागे लन स.

"सतसैया के दोहरे अरु नाविक के तीर. देखन में छोटन लगे, घाव करे गम्भीर" वाला कवित्त के सही साबित करत कि विशाल जहाजन के छोटकी नाव पर सवार हो के लूटल जा सके ला. सोमालिया के डकैत ई बात बार बार बतलावत बाड़े सन. स्माल स्केल के महत्व विराट का आगा खतम नइखे हो गईल, सोमालिया के डाकू बेर बेर ईयाद दिआवेले सन.

खैर मसला ई बा कि अगर नेवी वाला गहिरा समुन्दर में जा के डाकूअन के पकड़ सकेलन स त ई हमनी का शहर मुहल्ला के राहनज, डाकूअन के काहे ना पकड़ल जा सके ?

नेवी के एगो बंदा एह सवाल का जवाब में बतलवलसि कि गहिरा समुन्दर में डाकूअन के पकड़ धकड़ का बाद ओहिजा के टापमटाप नेता के फोन ना आ जाला कि छोड़ दऽ. आ अगर आईयो जाव त नेवी वाला ओकनी के भसे ना बुझ पावत होखिहन.

जईसे सोमालिया के डाकूअन के धर पकड़ का बाद सोमालिया के कवनो लीडर के फोन नेवी का अफसर का लगे आईल होखी,
होकाला, बोकालम ओटोक्का, होबालू, होटूंगा. मतलब हमरा बंदन के छोड़ दऽ.
नेवी वाला बूझबे ना कइले होखिहन सन. समुझले होखिहन सन कि ब्रेक डांस खातिर कवनो गाना गावत होखि. आ एहि कन्फ्यूजन में डकैत अरेस्ट हो गईल होखिहन सन.

ई त बहुत मजे क कन्फ्यूजन बा.

नगला शोला भोला थाना में तमिलनाडु के अफसर ले आके बईठा देबे के चाहीं. लोकल रहजन भीतर होखे आ लोकल विधायक फोन करे त तमिल अफसर समुझे से इन्कार कर देव आ रहजनवा भीतरे रहि जाव.

कन्नड़भाषी पुलिस के चित्तौड़गढ़ में लगा दऽ. मलयाली पुलिस लखनऊ का हजरतगंज में गश्त करे.

भाषा जोड़े ले, चोर आ पुलिसो के. एह एकता के भसे से तूड़ल जा सकेला.

या त पुलिस के इलाका बदल दऽ भा फेर कंपलसरी कर दिहल जाव कि यूपी के रहजन डाकू आपन हुनर कर्नाटक में देखलईहन. बोले त एक इलाका के कलाकार दोसरे इलाका में करतब देखइहन जा.

वइसहूँ एक तरहा से त आजुओ देखावते बाड़न सन, पूरा भारतवर्ष के नेतवा दिल्ली में आपन हुनर देखावत बाड़न सन कि ना ?


आलोक पुराणिक जी हिन्दी के विख्यात लेखक व्यंगकार हईं. ऊहाँ के रचना बहुते अखबारन में नियम से छपेला. अँजोरिया आभारी बिया कि आलोक जी अपना रचनन के भोजपुरी अनुवाद प्रकाशित करे के अनुमति अँजोरिया के दे दिहनी. बाकिर एह रचनन के हर तरह के अधिकार ऊहें लगे बा.

संपर्क 09810018799
email : puranika@gmail.com

आलोक पुराणिक जी के वेबसाइट