केकरा से बतियावल जाव

आलोक पुराणिक

एगो काम जवन बरिसन से होत आइल बा, बाकिर एने आ के कुछ ठप जइसन पड़ल बा, ऊ हऽ भारत पाकिस्तान के शांतिवार्ता. जतने भइल ओहमें शांति कम रहे, वार्ता बेसी. बाकिर अब उहो नइखे. सवाल ई उठत बा कि पाकिस्तान में बतियावलो जाव त केकरा से?

1- का राष्ट्रपति जरदारीजी से बात कइल जा सकेला. पाकिस्तानी पब्लिक क मानना बा कि जरदारीजी से कइल जा सकेला, अगर बात नान सीरियस होखे त. बाकिर भारत पाक शांति वार्ता नान सीरियस बात त हऽ ना. एहसे जरदारीजी से बात कइल बेकार होखी. जरदारी का मामिला में एगो बात अउर कहल जाला कि जरदारीजी के केहू सीरियसली ना लेला. खुद जरदारीओजी खुद के सीरियसली ना ले लें.

2- का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानीजी से बात कइल जा सकेला. गिलानीजी अपना सूट का चलते सीरियस बुझालें. बाकिर अगर पर्सनल्टी में सीरियसनेस सिर्फ सूटे का खाता में होखे, त फिर त सूटे से बतियावे के चाहीं. सूट चाहे जतना सीरियस होखे, बोलेला ना. आ गिलानीजी चाहे बोलस कतनो, बाकिर ऊ सीरियस ना हउवन.

3- गिलानीजी के सीरियसली एहीसे ना मानल जाला कि ऊ जरदारीजी के कैंडीडेट मानल जालें. जइसन कि बतलावल जा चुकल बा कि जरदारीजी के पाकिस्तान में ओतने सीरियसली लिहल जाला जतना सीरियसली भारत में लाफ्टर चैलेंज देखल जाला.

4- अफगानिस्तान से, तालिबानियन से पाकिस्तान का बारे में सीरयसली बात कइल जा सकेला. जवना तरह पाकिस्तान में जगह जगह धमाका हो रहल बा, ओकरा के देख के त लागता कि पाकिस्तान में मुस्तैदी से दिल लगा के काम सिर्फ तालिबानीये करत बाड़े. कर्मठ तालिबानियन से निवेदन कइल जा सकेला कि अपना कर्मक्षेत्र के पाकिस्ताने तक सीमित राखस. बाकिर तालिबानियन से बाते का हो सकेला? बम, बंदूक, धमाका का अलावा तालिबानी कवनो दोसर बात करिये ना सकस. अतना बम आ ओतना बंदूकन से फलाना इलाका तबाह करे के बा, एकरा अलावा दोसरा वाक्य तालिबानियन का समझे में ना आवे ला. तालिबानी तबाही खातिर अतना कटिबद्ध होलें कि कहीं दोसरा इलाका में तबाही ना मचा पावस, तो अपने इलाका में मचावल शुरु कर देले. लाहौर आ पेशावर के धमाका त इहे बतावऽता.

5- का पाकिस्तान का बारे में ओबामा से बात कइल जाव? ओबामा अकसर पाकिस्तान क बारे में बात करत रहेलें. बाकिर मसला ई बा कि ओबामा के पाकिस्तानी नेता तबे सीरियसली लेलें, जब ओबामा पाकिस्तान के डालर देबे के एलान करेलें. ओबामा के नान डालरी घोषणा के पाकिस्तान सीरियसली ना ले ला. पाकिस्तान में अइसे ओबामा चाहें, त जरदारीजी से बात कइल जा सकेला, बाकिर जरदारीजी का बारे में पहिलही बतलावल जा चुकल बा उनकर चले ना. चलेला तालिबानियन के बाकिर ऊ बतियावे खातिर राजी नइखन सन.

6- बुश से बात करे के कवनो मतलब नइखे. अमेरिका में हाल ई बा अमेरिकी पत्रकारो उनका से बात ना करस. अमेरिका में वाशिंगटन से रिटायर भइल नेता आ हालीवुड से रिटायर भइल अभिनेत्री के गत एके जइसन होला. दुनु बस संस्मरण सुनावे भर के रह जालें.

अब रउरे बताईं कि पाकिस्तान में केकरा से बतियावल जाव?


आलोक पुराणिक जी हिन्दी के विख्यात लेखक व्यंगकार हईं. दिल्ली विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग में प्राध्यापक हईं. ऊहाँ के रचना बहुते अखबारन में नियम से छपेला. अँजोरिया आभारी बिया कि आलोक जी अपना रचनन के भोजपुरी अनुवाद प्रकाशित करे के अनुमति अँजोरिया के दे दिहनी. बाकिर एह रचनन के हर तरह के अधिकार ऊहें लगे बा.

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