प्रभाकर गोपालपुरिया

ए नवका साल में

हे भगवान ए नवका साल में,
तूँ कुछ नया कर के देखावऽ,
भस्टाचार के करऽ तूँ खात्मा,
अउर बेरोजगारी के भगावऽ.

तूँ मंदिर अउर मसजिद से
एक्को घंटा खातिर बाहर आवऽ,
अउर धरम की नाव पर लड़ेवालन के,
झगड़ा त फरिआवऽ.

आजु मानवता रो रहल बा,
चारु ओर अँधियार बा,
लूट-खसोट, मारामारी,
चारु ओर हाहाकार बा,
तनि जल्दी आके,
अपनी लोगन के त समझावऽ

एगो, प्रेम, अहिंसा, भाईचारा के,
दिया त जरावऽ.

कहल जाला की तूँ सबके सुने ल,
खाली अच्छे काम करे ल,
त आवऽ न, जल्दी आवऽ,
अउर अंधेरा से मुक्ति दिआवऽ.


प्रभाकर पाण्डेय,
आई.आई.टी. बांबे