तनी बईठऽ कर के उपर गोड़

डा॰कमल किशोर सिंह

कतना करबऽ काज कठोर,
बहुत हो गइल कमल किशोर,
तनी बईठऽ कर के उपर गोड़

कतनो आपन जान खपइबऽ,
राजमुकुट त नहिये पईबऽ,
शांत हो जाई धीरे धीरे,
वाह वाह के शोर,
तनी बईठऽ कर के उपर गोड़

दिन रात मर मर के खटबऽ,
बाकि एक दिन सबकुछ बटबऽ,
कुछुओ साथ ना जाई,
जईबऽ सब कुछ इहँवे छोड़,
तनी बईठऽ कर के उपर गोड़

बईठऽ कर ल कुछ रस पानी,
कुहुँकावऽ मत तू जिनगानी,
आरे, केहू काम ना आई,
जब ई कलपूर्जा होई कमजोर.
तनी बईठऽ कर के उपर गोड़


रिवरहेड, न्यूयार्क