Manir Alam
Doha, Qatar
नेहिया के जोर !
मनिर आलम
रात के सपना में हरदम आवे लू तू.
कहियो सामने सामने आके त देखा.
हमरा से बात हर रोज करे लू तू.
कहियो हमरो तरफ मुस्कुरा के त देखा.
हमर नजर बहूत कुछ कह देवे ला तोह से.
कहियो हमरा के नजर से समझके त देखा.
हमरा से दोस्ती के रिश्ता बा तोहर.
कहियो हमरा से दिल लगा के त देखा.
हमर बात तोहर दिल से एक ही बात पूछे ला.
कहियो तोहर बात से हमरा के हंसा के त देखा.
हमरा से मिलके अंजान में दिल से लगा लेवे लू.
कहियो हमरो के भी दिल में बसा के त देखा.
सब मुस्किल अपन राह में आसन होजाई बस.
हमरा पर एक बेर बिस्वास कर के त देखा.
हम तोहरा के जिंदगी में सब ख़ुशी देहम.
बस एक बेर हमरा से नेहिया कर के त देखा.
तोहरा के अपनावे ला सब इम्तहान देहम.
हमरा के कहियो दिल से अजमा के त देखा.
तू कहेलु बहूत मुस्किल बा हमरा के अपनावल.
एक बेर तू हमरा के दिल से अपना के त देखा.
मनिर आलम,
मुकाम : इनर्वामाल, हरनहिया, बारा, नेपाल
अभी : दोहा कतार से
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