नगीना फुआ

- रश्मि सिन्हा

गुड्डू कभी पढाई ना करे, सोचके ओकर माई-बाप बड़ी दुखी रहे लोग. एक दिन रास्ता में नगीना फुआ भेंटा गईली. हाल चाल पुछली त ऊ लोग गुड्डू क बारे में आपन चिन्ता परेशानी बतावल लोग. खास कर के ओकरा पढाई का बारे में. फुआ का मोहल्ला में केहू दुखी होखे ई कईसे हो सकत रहे. फुआ गुड्डू के माई से कुछ बतिअवलि. अब का खुसुर-फुसुर कइली, ई के जाने?

कुछ दिन बाद रहे गुड्डू के जन्मदिन. गुड्डू के माँ-पापा जन्मदिन मनावे से मना क दिहल लोग. गुड्डू बाबू बड़ी रोवलन बाकि केहू टस से मस ना भईल. फुआ गुड्डू के रोवत देखली त अपना लगे बोलवली. गुड्डू रोवत रोवत बतवलन की हमार मम्मी पापा हमार जनम दिन नइखे मनावत लोग. फुआ अपना लगे बइठा के बहुत देर ले समुझवलि कि तू पढ़े ल ना एही से ऊ लोग नइखे मनावत लोग. ओकरा बाद फुआ गुड्डू के पढाई के महत्व समुझवलि. गुड्डू क ऊपर उनका बात के अच्छा असर पड़ल आ ई नगीना फुआ से अच्छा से पढाई करे के वादा कइलन. तब फुआ कहली कि जा सगरे मोहल्ला नेवत आवऽ. हमहूं देखीं कइसे ना मनाई लोग तोहर जनमदिन. सांझी खान फुआ के ईहाँ गुड्डू के जनमदिन मनावल गईल. ओकरा बाद गुड्डू सुधर गइलन आ पढ़े में मन लगावे लगलन.

आज गुड्डू नगीना फुआ क आशीर्वाद से एगो कामयाब मैरीन इंजिनियर बाडन.


रश्मि सिन्हा एगो सैनिक अधिकारी के पत्नी हईं आ बरिसन से भोजपुरी आ नेट से जुड़ल बानी. रश्मि सिन्हा के ब्लॉग पर उहाँ के लिखल बहुते रचना भेंटाई.