हाय रे नेता !

शैलेश मिश्र

लोगन के मन में 'नेता' नाम सुनतहीं कंपकपि आ जाला. 'नेता' शब्द से हमके डरो लागेला आ जोशो आवेला....! डर एहसे लागेला कि हम कवनो जमाना में निश्छल कवि-साहित्यकार के हैसियत से भोजपुरिया समाज में प्रवेश कईले रहीं बाकि आज हमार क्षमता आ जरूरत के हिसाब से कुछु आउर कर रहल बानी. रउवा चांस कहीं, चाहे किस्मत भा तकदीर के लिखल चाहे उपरवाला के मर्ज़ी ....भोजपुरी समाज के एक-जुट करत-करत 'नेतृत्व' के साथ-साथ 'नेता' बन गईनी...यूँ कहीं कि नेता बना दिहल गईनी आ लोग हमरा के नेता मान भी लेलन, मन से स्वीकार भी कईलन. नेता शब्द से जोश आवेला काहें से कि ई अइसन पोस्ट बा कि ईमानदारी आ बिस्वास से केहू काम करे, त जग जीत सकेला आ समाज-देश के काया-पलट कर के उन्नति के नया जोत जगा सकेला, इतिहास के सुनहरा पन्ना पर नाम अंकित कर सकेला.

जब भी कवनो 'लीडर' दुर्बलता, दुराचारी, दुष्टता के विरोध करेला, उहे तन-मन-धन से 'नेतृत्व करेवाला नेता' बन जाला बाकि जब ऊ खुदे एकरा चपेट में आ जाई, त उहे नेता रक्षक से भक्षक बन जाला. जब देखे में आवेला कि केहू कवनो काम ठीक से नइखे करत, त मन में आवेला कि फलाना से बढ़िया त हमहीं नीमन काम करके देखा दीं. जिनगी में जब-जब अइसन मौका मिलल, कवनो क्षेत्र में चुनौती सामने आईल, तब-तब हमके नेता बने के इच्छा भईल -- ताकि हम उहे काम के आउरी बढ़िया से करके दुनिया के बता सकीं कि नेता नेतृत्वे ना, कुछ नयो करके दिखा सकेला जवना के अनुकरण आम आदमी भी करे. हम कहीं के भी नेता बनीं - आपन परिवार, आपन गाँव-जवार, समाज चाहे देश के नेता बनीं, सपना इहे बा कि अच्छा नेता बनीं, लोगन के चहेता बनीं.

गांधी-नेहरु-ओबामा के अपवाद समझीं त हम दावा के साथ कहब कि राजनेता आ अभिनेता दुई गो बहुत खतरनाक जंतु होलन. राजनेता देश के राज-सिंहासन पाइके राज करेला आउर अभिनेता सिनेमा के दर्शक पायके. दुनो झूठे सपना देखावेलन. जनता के कन्धा पर चढ़के ऊपर आवेलन आ टॉप स्पॉट मिलतही जनता पर प्रहार चालू कर देलन -- ठीक जैसे बउड़ाहा के गाय मिल जाय दूध दुहे खातिर. एगो अउरी ख़ास बात बा - दुनो, नेता आ अभिनेता, आम जनता के बेवकूफ समझेलन, जनता के गूंग-बहिर-लंगड़ के रूप में देखेलन, साथेसाथ अपना के कभी-कभी भगवानो मानेलन. हिन्दू धर्म के अनुसार बहुत पुण्य कईला के बादे मनुष्य-योनि में जनम होला. ठीक अइसहीं समुझ लीं कि धरती पर 'असली भला सोचेवाला नेता' के जनम होखे में बहुत समय लागेला.

भारत में चुनाव सीजन चल रहल बा. मनमोहन 'सोनिया' के मन के मोहला के अलावा अउरी का करिहन ? आडवाणी पिछला कई दशक से आपन वाणी से लोगन के आशा दिला रहल बाडन. लालू बिहार के मुख्यमंत्री रहलन तब राज्य के आलू जइसन छील के राबड़ी-बताशा से तमाशा बनवलन. मायावती त पता ना कवन माया-मंतर सीख के अईली - भगवन विष्णु के मोहिनी अवतारो अइसन माया दिखावे में फ़ेल हो जाई. राम विलास पासवान के पास भोग-विलास के पूरा प्रबंध हो गईल लेकिन जनता के विकास ना भईल. मुलायम सिंह जइसन कठोर 'नरियर के खोपडी' दिमाग के आदमी बहुत कम देखे के मिली जे सोचता कि कंप्यूटर के इस्तेमाल कईला से बेरोज़गारी के समस्या बढ़ी और अंग्रेजी-भाषा के विरोध में लागल बाडन. अइसन लोग भला का करिहन देश के उद्धार ? चुनाव लडेवाला के हत्या तक हो सकेला -- ई बतिया बुझला के बाद, के आपन जान जोखिम में डालल चाही ? चुनाव जीते खातिर करोडों रुपया, बाहुबली संघतिया, साम्प्रदायिकता के अगिया अउरी जातिवाद के खटिया खड़ा करे के फार्मूला जेके आवेला, उहे आगे चल के नेता बनेला.

नेता से बहुत कुछ सकता...बाकि अईसन नेता लोगन के देखके हम सकेता में पड़ गईनी ! जवन आशा लगवले रहनी, ऊ कुल्ही चउपट हो गईल. हर नेता के पूरा नाम में 'गांधी' ना जुड़ पायी, ई त सबके मालूम बा. साथ ही इहो जान लीं कि नेता के नाम में 'गांधी' होखे, फिर भी ऊ ना इंदिरा गाँधी बन पायी, ना महात्मा गाँधी ! नेता नेते होला आ जरूरत पड़ला पर अपना रिश्तेदारो से अलगा हो जाला. त अईसन नेता जे परिवार से अलगिया जाए, ऊ देश के कइसे जोड़ पाई ? नेता के धरम पैसा, पॉवर आ पॉलिटिक्स होला - दोसर कुछ ना. नेता से लोग डेराला बाकि आजकल नेतो के डर हो गईल बा, खासकर तबसे जबसे पत्रकार लोग उनकरा पर सवाल कम आ 'जूता' ज्यादा चला रहल बा. फिर भी, नेता चाहे केतनो वादा कर ले, 'नेता के जात, नेता के बात' के कबहियों भरोसा ना करे के चाहीं .

'नेता' शब्द के गंगा के धारा में विसर्जन कर देला में ही जनता के भलाई बा. अगिला जनम में हमार इच्छा बा कि हम नेता ना, अभिनेता ना, राजनेता ना, बस 'चहेता' बनीं आ चाहेवाला लोगन के हर चाह के जी-जान से पूरा कर सकीं.


शैलेश मिश्र
डैलस, टैक्सस, अमेरिका
१५ अप्रैल, २००९

चेन्नई में जनमल शैलेश मिश्र हिन्दी आ भोजपुरी भाषा के लेखक कवि हउवन; भोजपुरी असोसिएशन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका के संस्थापक आ अध्यक्ष हउवन; भोजपुरी के प्रसिद्ध सोशल नेटवर्क - भोजपुरीएक्सप्रेस.कॉम के सृजनकर्ता हउवन. लेखक मूलतः बलिया जिला के डांगरबाद गाँव से जुड़ल बाड़े आ आजुकाल्ह अमेरिका के डैलस शहर (टेक्सास) में कंप्यूटर सॉफ्टवेर इंजिनियर बाड़े. ई-मेल संपर्क : smishra@gmail.com