सुर संग्राम : भोजपुरी संगीत के अस्तित्व के संग्राम

- पंकज प्रवीण

बड़ा लमहर इन्तजार के बाद भोजपुरी टीवी क दुनिया क पहिलका राष्ट्रीय रियलिटी शो सुर संग्राम के शुरुवात हो गइल. भोजपुरिया संगीत प्रेमी लोगन क आपन काबिलियत देखावे क मौको मिल गइल जेकरा खातिर भोजपुरी समाज महुआ चैनल क आभारी रही. लेकिन कार्यक्रम देखला पर मन में हूक अस उठल त सोचनी की एह बात के रउवो लोगन क सामने राख के तनकी एकरा उपर बिचार कइल जाव.

Manoj Tiwari as a host of Sur Sangram serial on Mahuaa TV Channel

आज जहाँ भोजपुरी के विकास क बात कइल जात बा, भोजपुरी क सम्मान दिलावे के प्रयास हो रहल बा, अउरी भोजपुरी भाषा क माध्यम से भोजपुरिया लोगन क जोड़ के भोजपुरी के संबिधान के आठवाँ अनुसूची में शामिल करावे के प्रयास कइल जा रहल बा, उहँवे भोजपुरी संगीत के भावी पीढी के कहवाँ ले जाये के प्रयास कर रहल बा लोग?

प्रोग्राम क शुरुवाते में भोजपुरी लोकगीत के लडाई के झलक देखे के मिल गइल. जहाँ भोजपुरी लोकगीत के जानल मानल तीन महारथी एह कार्यक्रम के कर्णधार बाड़े, ओहि लोग में सहमति नइखे बन पावत कि का नीमन बा आ का बाउर ! आ का करे के चाहीं, का ना करे के. कार्यक्रम के पहिला जज आ भोजपुरी लोक गीत के एगो सम्मानजनक जगहा दिलावे वाली मालिनी अवस्थी जी के जहाँ अश्लील गीतन के कार्यक्रम में शामिल कइला पर एतराज बा उहवें भोजपुरी संगीत के माध्यम से आसमान छुवे वाली कल्पना जी के एकरा से तनिको परहेज नइखे. साथ में मनोजो भईया, जेकरा के भोजपुरी संगीत के उद्धारकर्तो कहल जाला, एह बात से तनिको फरक नइखे पड़त कि के का गावत बा !

आज भोजपरी लोक गीत के जवन हालत बा ऊ जग जाहिर बा. पिछला दिने सोनी टीवी के एगो कार्यक्रम में फराह खान के बिहारी रसोइया जवना तरह के अश्लील गीत गा के भोजपुरियन के माथ शरम से झुका दिहलसि, ओहू पर बिचार करे लायक बा. खैर, ऊ त एगो नासमझ आदमी के कारनामा रहल, से ओकरा के भुलाइल जा सकेला. लेकिन महुआ जवन एगो खाँटी भोजपुरी चैनल बा आ भोजपुरी के विकास खातिर प्रतिबद्ध बा उहवों सरेआम अगर अइसने कुल काम होई त नयका पीढ़ी से भोजपुरी खातिर का उम्मीद कइल जा सकत बा ? एगो नया आ बहुते कम उमिर के भोजपुरी गायक कल्लू जी एकर जियत जागत उदाहरण बाडन. अब शायद निरहू, कल्लू, रंगीला, आ रसिया इहे सब नाम भोजपुरी संगीत क माध्यम से भोजपुरी के प्रतिनिधित्व करीहन जा अउर दुअर्थी गीतन क माध्यमे से भोजपुरी के आगे ले जाई लोग. काहे कि भोजपुरी भाषा क पहिचान भोजपुरी लोकगीतन से जुडल बा अउर लोकगीत के दुअर्थी आ अश्लील गीत अब राष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहल बा.

उम्मीद बा की राउरो प्रतिक्रिया मिली.

इन्तजार में पंकज प्रवीण


पंकज प्रवीण जी भोजपुरी गायकी के नयका पीढ़ी के एगो जानल पहिचानल नाम ह आ उनका विचार में भाषा के प्रति ममता झलकत बा. हम अपना पाठकन से एह बारे में बहस चलावल चाहम. वइसे बता दिहल जरुरी बा कि अँजोरिया पर प्रकाशित हर लेख भा विचार से संपादक के सहमत होखल जरुरी नइखे. अंजोरिया हमेशा से सार्थक बहस के पक्षधर रहल बिया आ रही. पाठकन के विचारन के प्रकाशन से रोकल एकर नीति भा नीयत कबो नइखे रहल.

अबकी के लस्टमो पस्टम पर एही विषय से मिलत जुलत चर्चा बा. भोलो बाबू कुछ एही फेर में फँसल बाड़े. उनुको के पढ़ लीं.