मार दिहल जाव कि छोड़ दिहल जाव, बोल तोरा साथ का सलूक कइल जाव

टीवी चैनल महुआ के कार्यक्रम सुर संग्राम का मंच पर भरत शर्मा आ कल्पना का बीच एगो एपिसोड में कुछ कहा सुनी हो गइल. कल्पना एगो प्रतिभागी से पूछली कि आप की खासियत क्या है जिसके बल पर आप चुनौती देने आये हैं? सवाल में अइसन कुछ ना रहे जवना पर आपत्ति कइल जा सके. आखिर अश्वमेध के घोड़ा पकड़े चलल आदमी के ई त पता होखही के चाहीं कि ओकर यूएसपी का हऽ. बाकि कल्पना के एह सवाल पर मंच पर बइठल भरत शर्मा आपत्ति कर बइठलन. कहलन कि प्रतिभागियन के बोर करे क कोशिश ना होखे के चाहीं. कल्पना एह पर तुनक गइली आ पूछ बइठली कि प्रतिभागी आपका रिश्तेदार है क्या?

अब एह बात पर भोजपुरिया समाज के कुछ पहरुआ कल्पना का पाछा पड़ गइल बाड़े. उनका अतनो धीरज नइखे कि अगिला एपिसोड तक देख लेस कि का हो रहल बा. कल्पना भरत शर्मा के इज्जत करे ली कि ना. अइसन त ना कि कल्पना माफी मांग लेस आ भरत शर्मा माफी दे देस. काहे कि ई शो बिजनेस हऽ जवना में कबो कबो जान बूझ के विवाद खड़ा कर दिहल जाला. बाकि ना! लोग त कल्पना का खिलाफ जहर उगिले में लागल बा. कहल जा रहल बा कि जे भोजपुरिया ना हऽ ओकरा भोजपुरी का बारे में बोले के अधिकार नइखे. बुझाता कि भोजपुरी का बारे में बोले क हक कुछ चुनिन्दा लोगन के बा.

वइसहूं बात अइसन नइखे जवना के बतगंड़ बनावल जाव. बापो बेटी में कबो कबो कहा सुनी हो जाले, त एकर मतलब ई त ना होला कि बेटी के वहिष्कृत कर दीं. कल्पना के वहिष्कृत करे के बात करे वाला लोग भोजपुरी के हित नइखे करत. कह सकीला कि कुछ लोग भोजपुरी उग्रवादी बनत जा रहल बा जेकर कामे रह गइल बा कि एन केन प्रकारेण केहू ना केहू के टोपी उछालल जाव. भोजपुरिया समाज के अतना आतंकित कर दिहल जाव कि लोग ओह आतंकियन का डर से मुँह मत खोलो. बोलो त पुछ के बोलो कि, जहाँपनाह का हुकुम बा?

अब देखे के बा कि एह सारा मसला पर भरत शर्मा के राय का बा. अबही ले त कहीं उनकर कवनो विचार सामने नइखे आइल बाकि उनुका नाम पर वितण्डा खड़ा करे में लोग पीछे नइखे रहल चाहत. जरुरत बा कि भरत शर्मा खुदे आपन राय राखस. हो सकेला कि ऊ एह बात के ओतना तरजीह ना दिहले होखस. हो सकेला कि उहो ओह शो में शामिल होखसु आ सब कुछ पूर्व नियोजित होखो. हो त बहुत कुछ सकेला बाकि कुछ लोग आग बुतावे में ना लहकावे में विश्वास करेला. ओह लोग के संतोषे ना होखी अगर विवाद असहीं शान्त हो जाव.

काल्हु जब खबर मिलल कि कल्पना सुरसंग्राम में नइखी रह गइल त तुरते लोग जोड़ लिहल कि भरत शर्मा के अपमान कइला का चलते कल्पना के निकाल दिहल गइल. ऊ लोग ई सोचे खातिर तइयारे नइखे कि कल्पना के कांट्रैक्ट पूरा हो सकेला, दोसरा कवनो कारण से कल्पना सुर संग्राम में ना रहल चाहत होखस. कारण जवने होखो कल्पना आ भरत शर्मा के बाताबाति से सुरसंग्राम के नयका विवाद के कवनो संबंध नइखे. एहसे कल्पना का खिलाफ अनर्गल प्रलाप बन्द कइल जाव. भरत शर्मा बहुत बड़ गायक हउवन त कल्पनो कवलो छोट गायिका ना हई. भरत शर्मा अपना कैरियर का उतार पर बाड़न त कल्पना चढ़ाई पर. भरत शर्मा के तुलना जे लोग कल्पना से कर रहल बा ऊ लोग भरत शर्मा के मान नइखे बढ़ावत, मान घटावत बा लोग. कहाँ भरत शर्मा कहाँ कल्पना. दुनो के तुलना होइये ना सके. आ कल्पना कवनो अइसन बेमिजाज ना हई जे भरत शर्मा जइसन व्यक्तित्व के अपमानित कइल त दूर वइसनका सोचियो सके. भरतो शर्मा के चाहीं कि अगर उनका ओह बात से दुख लागियो गइल होखे त छिमा बड़न को चाहिये छोटन के अपराध वाली तर्ज पर कल्पना के माफ कर देस आ एह विवाद के खतम कर देस.

दोसर पूरा भोजपुरिया समाज के ई सोचे के जरुरत बा कि काहे हमनी का दोसरा के कहल बात, चाहे ऊ कतनो जायज होखो, बर्दाश्त ना होखे? काहे हमनी का बीच उग्रवादी बढ़त जात बाड़े?

आ आखिर में एक बार फेर. सुरसंग्राम में चल रहल बेसुरा संग्राम के ओह घटना से कवनो संबंध नइखे. सब झगड़ा कार्यक्रम के लोकप्रियता भँजावे खातिर बा.

संपादक, अँजोरिया