सुर संग्राम में बाज रहल बा संग्राम के सुर

from the sets of Sur-Sangram

from the sets of Sur-Sangram

from the sets of Sur-Sangram

from the sets of Sur-Sangram

from the sets of Sur-Sangram

from the sets of Sur-Sangram

यूपी बिहार का प्रतिभागियन का बीचे सुर के लड़ाई धीरे धीरे कब रुप बदल लिहलसि कि पतो ना चलल. बड़ा बढ़िया चलत एह रियलिटी शो में रियलटी के अइसन छौंक पड़ गइल कि धारावाहिक सुर संग्राम में संग्राम के सुर निकले लागल. छोट छोट बात पर अपना के बड़ साबित करे का फेर में लोग खुदे आपन फजीहत करा लिहल.

सुर संग्राम में एह शनिचर से ना त मनोज तिवारी एकर रहीहन ना कल्पना जज, ना रही राजा बिस्कुट के नाम. अब तकले राजा बिस्कुट एह धारावाहिक के खास स्पान्सर रहुवे बाकिर जब कार्यक्रम चल निकलल त ओकरा के बदल के एक्टिव ह्वील के स्पान्सर बना दिहल गइल. अब एह पर कोर्टौ कचहरी के चक्कर चल जाव त अचरज ना होखी. कहले गइल बा कि पइसा के खेल निराला मोरे भईया.

सुरसंग्राम के नयका तारनहार बन के आइल बाड़न भोजपुरी के सुपर स्टार रवि किशन जे आजुकाल्हु बालीवुड का फिलिमनो में खूब व्यस्त बाड़े बाकि भोजपुरी से नाता बनवले रखले बाड़न. रविकिशन आ मनोज तिवारी के आपसी प्रतिद्वन्द्विता कबो कबो बैमनस्य के रुप धरे लागेला. केहू अपना के कम ना माने. रविकिशन अपना के बड़ भाई कहेलन आ मनोज तिवारी के छोट भाई. एह लोगन के आपसी द्वन्द्व अब लोगके सुर संग्राम के मंचो पर देखे के मिल जाई. कहल जात बा कि मनोज तिवारी रविकिशन से कह दिहलन कि ऊ रविकिशन के टेस्ट लिहल चाहत बाड़न. तड़ से रविकिशन जबाब दिहलें कि ले लऽ जतना मन करे ओतना टेस्ट. छोट हउवऽ छोटे रहबऽ. अब ई बाति कहाँ तक जात बा ई त ओहदिने देखे के मिली.

हँ बतावल गइल बा कि एह शनिचर तीन अक्टूबर के प्रसारित होखे वाला एपिसोड में नियमित जज का रुप में मालिनी अवस्थी आ मनोज तिवारी रहीहन जबकि खास मेहमान आ खास जज का रुप में पद्मश्री उदितनारायण झा आ पद्मश्री शारदा सिन्हा रही लोग. यूपी के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागी बन के फाइनल ले चहुँपल मोहन राठौर के गीत पर शारदो सिन्हा झूम उठीहन आ मंच पर ठुमका लगावे चल अइहन. शारदा सिन्हा के ईहो रुप देखे लायक होखी.

एपिसोड के शुरुआत मालिनी अवस्था गाना गा के करीहन आ मंच पर नया एंकर बन के आइल रविकिशन के परिचय करवइहन. ओकरा बाद रविकिशन अपना खास अन्दाज में शुरु हो जइहन. रविकिशन के संवाद अदायगी मनमोहक होला आ ओकरा के देख सुन के दर्शक आनन्द विभोर हो जइहन एकर पूरा विश्वास बा.

सुरसंग्राम में चाहे जवन बदल गइल होखे, टाइमवा उहे बा. शनिचर के रात साढ़े आठ बजे से. देखल भुलायम मत. काहे कि अपने देखला के बात कुछ दोसरे होला. हमहूं देखब कि रवि किशन आ मनोज के बतकही कहवाँ ले जात बा? के बीस पड़त बा?

Ravi Kishan ka thumka


(एह आलेख में व्यक्त विचार महुआ टीवी के जनसंपर्क सलाहकार प्रशान्त निशान्त के ना हऽ. सामग्री जरुर उनके सौजन्य से मिलल बा.)