महासमर का तइयारी में सुरसंग्राम
शनिचर १० अक्टूबर का कार्यक्रम का बाद सुरसंग्राम पर छाइल धुंध बहुत कुछ साफ होखे लागल बा. यूपी आ बिहार के एक एक गो चैलेंजर आ एक एक गो फाइनलिस्ट का बीच शनिचर का एपिसोड में जवन मुकाबिला भइल तवना के अगर भावी संकेत मान लिहल जाव त इहे बुझात बा कि चैलेंजर भारी नइखन पड़ पावत. अंत में फाइनलिस्टे लोग आगा रहल आ चैलेंजर लोग सपना देखते रह गइल विजेता का कुर्सी पर बइठे के.
पिछला शनिचर का रविकिशन से एह शनिचर का रवि किशन में अंतर साफ लउकत रहे. पिछला बेर शायद अति व्यस्तता का चलते रविकिशन के साँस फूलत रहुवे जवना से ऊ अपना स्वाभाविक रुप में ना रहलन आ देखे वालन के बहुत निराश होखे के पड़ल रहे. पता चलल कि तीन रात से ठीक से सूतल ना रहले रविकिशन अपना वर्कलोड का चलते. बाकिर ओकरा बाद पिछला शुक आ शनिचर के ऊ अपना स्टार छवि का तरफ लवट अइलन. अलगा बात बा कि मनोज तिवारी का तरह सहज बोलचाल वाली भोजपुरी रविकिशन से सुने के नइखे मिल पावत.
अब करीब करीब साफ हो चुकल बा कि अन्तिम मुकाबिला मोहन राठौर आ आलोके कुमार का बीच होखी. चैलेंजर लोग अगर अगिला शुक का दिने कवनो बड़हन उलट फेर कर देव त अलगा बाति बा. काहे कि तनाव त बड़ले बा फाइनल में चहुँपे खातिर, आ ओह चलते हो सकेला कि फाइनलिस्ट लोग कहीं लड़खड़ा जाव. अगर ई ना भइल त एही शुक १६ अक्टूबर के तय हो जाई कि फाइनल मुकाबिला केकरा बीच में होखी. देवरिया के राकेश तिवारी में अब विनम्रता झलके लागल बा जवन कि उनका पहिला कार्यक्रम में ना रहे. ई विजेता के लक्षण होला कि अपना वाणी में कठोरता ना आवे दे. प्रतियोगिता के व्यक्तिगत दुश्मनी ना समुझे के चाहीं.
चलत चलत पिछला शनिचर का दिने जज लोग आपन सुझाव दे डालल कि अब जज लोग प्रतिभागियन के टेस्ट ले सकेला. अबले प्रतिभागी अपना मन से गाना चुनत आइल बाड़े बाकि अब ओह लोग के जज लोग के बतावल गाना गावे के पड़ सकेला. फाइनलिस्ट खातिर इहो एगो सही चुनौती होखी. एहसे सुर संग्राम के एको एपिसोड मत छोड़ीँ आ शुक आ शनिचर का दिने महुआ टीवी पर रात साढ़े आठ बजे से आवे वाला सुर संग्राम देखल मत भुलाईं. काहे कि दिल की धड़कन तेज हो गयी तेज करो लय बाजे की,अपनी मंजिल तक आ पहुँची डोली दुल्हे राजा की.