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वज्रासन

योग के छाया बदल दीहि काया - २

Vajrasan

एह आसन के सोझा प्रभाव हमनी के शरीर के वज्र नाड़ी पर पड़ेला आ एकरा अभ्यास से अभ्यास करे वाला वज्र माफिक कठोर आ सख्त हो जाला. एही चलते हमनी के योगी लोग एह आसन के नाम वज्रासन राखल. एही आसन में इस्लाम धर्म आ बौद्ध धर्म के अनुयायी इबादत करेले भा पूजा आ ध्यान धरेले.

तरीका :

- दुनु टँगड़ी के पाछा का ओर मोड़ के ठेहुना का बल बइठ जाईं.

- गोड़ के तरवा ऊपर का तरफ रहे.

- दुनु गोड़ के अंगूठा अपना में मिलल रहे.

- दुनु हाथ के जाँघ पर राखत एड़ी के एह तरह से खोल दीं कि चूतड़ ओह पर टिक जाव.

- कमर, गरदन, छाती एकदम से सोझ रहे के चाहीं.

- सामान्य तरह से साँस लीं.

- एह आसन के अभ्यास अपना क्षमता आ समय का हिसाब से कइल करीं.

- शुरुआत में कम से कम दू मिनट एह आसन में बईठीं, आ अभ्यास बन जाव त धीरे धीरे समय बढ़ावत जाईं.

फायदा :

वज्रासन के अभ्यास से वात, बदहजमी, कब्जियत रोग जड़ से खतम हो जाला. ढेर नींद आवे वाला लोग खातिर ई बहुते उपयोगी होला. विद्यार्थी बा रतजगा कर के काम करे वालन के ढेरे फायदा होखी वज्रासन से. एकरा से नाड़ी के प्रवाह उर्ध्वगामी हो जाला जवना से काना जल्दी पच जाला. जवन गर्भवती महिला एह आसन के प्रयोग करेली उनकर प्रसव सामान्य तरीका से होला. मरदनन के अंडकोष ना बढ़े, हाईड्रोसिल ना होला.

चेतावनी :

गठिया रोगी एकर अभ्यास मत करस. योगाभ्यास करे से पहिले अपना डाक्टरो से सलाह ले लीं.

सावधानी :

नया नया साधे वाला लोग के गोड़ का तरवा में भा एड़ी में दर्द हो सकेला. आसन खतम होला का बाद अपना टाँग के जरुरे हिलाईं जेहसे कि खून के संचार टाँग आ गोड़ में बढ़िया से हो जाव. एह आसन के खाना खइला का बादो कइल जा सकेला.

नोट : योग गुरु सुनील सिंह के वेबसाइट पर योग के ढेरहन जानकारी मौजूद बा. जा के लाभ उठाईं.

http://www.yogagurusuneelsingh.com