भोला बाबू

भोला बाबू के इंस्टीच्यूट आफ पालिटिक्स

ढेर दिन बाद भोला बाबू के कवनो हाल चाल मिलल त हमहूं चकरिया गइनी. सुननीं कि भोला बाबू एगो इंस्टीच्यूट खोल लिहले बाड़न. हमरा मालूम रहे कि ऊ त एलएलपीपी हउवन. अब मत पूछीं कि एलएलपीपी माने का? अरे भाई लिख लोढ़ा पढ़ पत्थर के एलएलबी का तुक से तुक मिलावलत एलएलपीपी कहाला. त एलएलपीपी भोला बाबू कवन इंस्टीच्यूट खोलले बाड़न ई पूछे खातिर उनुके लगे चल गईनी.

भोला बाबू हमरा के समुझवलन. देख तोहरा जस पढ़ल लिखल लोग व्यवहार का दुनिया में बेकार होला. भारत के पालिटिक्स कवनो पुरनका शास्त्र के फालो ना करे, एकर एगो अलगे व्याकरण बा. अब चुनाव के मौसम आईल बा, तोहरा पत्रकार लोगन के चुनाव रिपोर्टिंग करे लायक बनावे खातिर हम इंस्टीच्यूट आफ पालिटिक्स खोलले बानी. करवईब एडमिशन ?

हम कहनी, भोला बाबू, आजकाल्हु हर तरह का इंस्टीच्यूट में इंट्रोडक्टरी क्लास फोकटे में करावल जाला. रउरो करवाईं त हम आजुवे एडमिशन ले लींहि.

सुनऽ तोहार एडमिशन हम ले लेत बानी बाकिर केहू के बतईहऽ मत कि फोकट में नाम लिखवा लेले बाड़ऽ. राजनीति के पहिलका सूत्र इहे होला कि सांच ना बोले के.

सांच बोलला से का नुकसान हो सकेला भोला बाबू ?

पहिलका त इहे कि बेभाव के जूता पड़ी. मरीहें स सौ गो आ गिनल भुला जइहें सन. कईसे कहब कि देश के पईसा अपना अगिलका सात पीढ़ि खातिर स्विस बैंकन में जमा करबऽ भा कइले बाड़ऽ

आज एही पाठ के दोहरावऽ. जब बढ़िया से ईयाद हो जाव त फेर अईहऽ नया पाठ पढ़ायेब.

रउरो आईल करीं ना हमरा पाछा पाछा आ लुका के सुनल करीं कि भोला बाबू का पढ़ावत बाड़न.