भोजपुरी गीत गवनई - 19
शिवजी बिहाने (बिआहने/बिआह करने) चले
बम बम भोला
बम बम भोला
बम बम भोला
बम बम भोला
शिवजी बिहाने (बिआहने/बिआह करने) चले
पालकी सजाय के
भाभूति (भभूति/विभूति) लगाय के ना.
हो,
शिवजी बिहाने (बिआहने/बिआह करने) चले
पालकी सजाय के
भाभूति (भभूति/विभूति) लगाय के ना.
पालकी सजाय के ना.
हो जब शिव बाबा करे तइयारी,
लइ के सकल समान हो
दहिने अंग त्रिशूल विराजे
नाचे भूत वैताल हो
बह्मा चले विष्णु चले
लइ के (लेकर) वेद पुराण हो
शंख चक्र ओ गदा धनुष ले
चले सिरी (श्री) भगवान हो.
और बन ठन के चले वो भोला
लेके भांग धतूर का गोला.
बोले जे हरदम
चले लड़िका पराय के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.
हो,
शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाय के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.
कोई आई कोई आया
कोई आई कोई आया
माता मतधिन परछन चलली
तिलक देली लिलार हो
काला नाग गरदन के नीचे
उहो देलक फुफकार हो
लोटा फेंक के भाग चलइली
का बिधि लिखल लिलार हो
इनके संग बिबाह ना करबो
गौरी रही कुँआरी हो
कहे पारबती समुझाई
बतिया मानो हमरो माई
जेहो है आइल हम करमा लिखाई के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.
हो,
शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाय के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.
(विवाह क मंत्रोच्चार)
हो,
जब शिव बाबा मँड़वा गइले
होला मंगलाचार हो
बाबा पंडित वेद उचारे
होला शिष्टाचार हो
बजर विखी (वज्रविष वाले सांपों) की लगी झालरी
नागिन की अधिकार हो
बीच मँड़वा में नाउन अइली
कर बन ठन बड़ियार हो.
एगो नागिन दिहलें बिदाई
नाउन धवले चली पराई
सब हँसे लगले ठोका ठठाई के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.
हो,
शिवजी बिहाने चले
पालकी सजाय के
भाभूति लगाय के
पालकी सजाय के ना.