बांसगांव की मुनमुन – 7

( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के सतवां परोस ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) बाहुबली ठाकुरन…

महाकवि राधामोहन चौबे ‘अंजन’ जी के जनमदिन पर विशेष

- गणेश नाथ तिवारी आजु महाकवि राधामोहन चौबे 'अंजन' जी के जनमदिन ह आ ई हमार सौभाग्य रहल कि साल 2014 में अंजन जी से हमार भेंट भइल रहे. उहाँ…

ऊँट कवनो करवट बइठे हम ओनिओ ठाढ़ मिलब

शेयर मार्केट के कइंचिया दाँव के अइसन मौका बहुते कम मिलेला. कई बेर जब कवनो बड़हन खबर आवे वाला होला तब बाजार खुलल मिलेला. जइसे कि बजट भाषण का बेरा.…

सुभाष पाण्डेय ‘संगीत’ के तीन गो गीत

(एक) बेंड़ल बजर किंवाड़, यार अइले, चलि गइले ! ना सुनि परल पुकार, यार अइले, चलि गइले ! सूरज-चन्दा कऽ जोती से, तरइन का झिलमिल से, शान्त गगन कऽ मौन…

भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के 27 वाँ अधिवेशन जमशेदपुर में होखी

प्रोफेसर जयकान्त सिंह 'जय' ह्वाट्सअप संदेश भेजले बानी - भोजपुरी सेवी/प्रेमी सभे के सादर नेवता पिछला पचास बरिस से अपना संवैधानिक व्यवस्था के लोकतांत्रिक ढाँचा में बनल स्थायी समिति आ…

भोला नाथ गहमरी : एगो व्यक्ति ना एगो विचार आ एगो युगबोध

- राम पुकार सिंह 'पुकार' गाजीपुरी प्रकृति कऽ अलगे-अलगे रूप में अनुभूति भइल, ओकरा के मिठास भरल भासा में बखान कइल, अइसन पेंच वाला काम हऽ कि एकरा के उहे…

भोजपुरिया लोग के हीन भावना : मजबूरी कि सुभाव

- गणेश नाथ तिवारी 'विनायक' घर से बहरी निकलते भोजपुरिया लोग भोजपुरी के ताखा पर रख देला. भोजपुरी पढ़े, लिखे आ बोले में बहुते लजाला लोग, अपने से अपना के…

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