भोजपुरी के अप्रतिम सेवक डॉ अशोक द्विवेदी के सम्मानित कइके सम्मानित भइल साहित्य अकादमी

साहित्य अकादमी बरीस 2021-22 ला डॉ अशोक द्विवेदी के “भाषा सम्मान” देबे के घोषणा कइले रहुवे. कोरोना प्रोटोकॉल का चलते दू बरीस ले कवनो समारोह ना कइलसि साहित्य अकादमी. एह…

कादम्बिनी सिंह के गजल

– कादम्बिनी सिंह देखऽ तानी कि कबले बिहान होई ऊ अन्हरिया में कतना हरान होई। आँखि आपन उ, होई टिकवले उहाँ सोना-रूपा क जहवाँ खदान होई । बाँटि देतऽ त…

रक्तबीजन के फेरा में (सामयिकी)

– सौरभ पाण्डेय कवनो सरकार आपन लउकत अछमता के बावजूद ओइसन असहाय ना होखे, जइसन कई बेर अटलजी के अगुआई में बनल केन्द्र सरकार में भइल करे। अटलजी के सरकार…

पप्पू मिश्र ‘पुष्प’ के ठहाका

– पप्पू मिश्र ‘पुष्प’ पेट के पपीहरा के पियास बुझावे खातिर उ खुशी-खुशी ओ लो के सेवा-तबदारी में लाग गइल। सेवा-तबदारी से जवन कुछ मिले ओ से ओकर आ ओकरा…

उदय शंकर “प्रसाद” के कविता – बखारी, मजबूरी

(1) बखारी बास के चचरा गोल गोल मोडाईल ऊपर से खरई सरिया के बंधाईल माटी के लेप चचरा पे लेपाईल बखारी के रूप लेके खड़ियाइल फिर टीका लगल अगरबत्ती बाराईल…

भिखारी ठाकुर के जयन्ती का अवसर पर स्मरण

भोजपुरी लोक-रंग के प्रतीकःभिखारी – डॉ0 अशोक द्विवेदी अपना समय सन्दर्भ में भिखारी ठाकुर, अपना कला-निष्ठा आ कबित-विवेक वाला रंग-कर्म से अपना समय के सर्वाधिक लोकप्रिय कलाकार रहलन। ऊ लोकनाट्य-परम्परा…

बोली-भाषा के कविता : आ ओकरा सुघराई के गाँहक

भोजपुरी दिशा-बोध के पत्रिका पाती के नयका अंक आ गइल। पेश बा ओकरा संपादक डॉ0 अशोक द्विवेदी जी के “हमार पन्ना” – एघरी कविता जवना लूर-ढंग , शैली आ कलात्मक…

उदय शंकर के दू गो कविता

(1) नून इक दिन बहुत हाहाकार मचल भात, दाल, तरकारी में। काहे भैया नून रूठल बा बइठक भइल थारी में। दाल-तरकारी गुहार लगईलक नून के बइठ गोरथारी में तरकारी कहलक…

गोरखपुर भोजपुरी संगम के 151 वीं ‘बइठकी’

– सृजन गोरखपुरी गोरखपुर के संस्था ‘भोजपुरी संगम’ के 151 वीं ‘बइठकी’ खरैया पोखरा, बशारतपुर में संस्था कार्यालय में वागीश्वरी मिश्र ‘वागीश’ के अध्यक्षता अउर अवधेश शर्मा ‘नन्द’ के संचालन…