बांसगांव की मुनमुन – 7
( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के सतवां परोस ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) बाहुबली ठाकुरन…
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( दयानन्द पाण्डेय के बहुचर्चित उपन्यास के भोजपुरी अनुवाद ) धारावाहिक कड़ी के सतवां परोस ( पिछलका कड़ी अगर ना पढ़ले होखीं त पहिले ओकरा के पढ़ लीं.) बाहुबली ठाकुरन…
- गणेश नाथ तिवारी आजु महाकवि राधामोहन चौबे 'अंजन' जी के जनमदिन ह आ ई हमार सौभाग्य रहल कि साल 2014 में अंजन जी से हमार भेंट भइल रहे. उहाँ…
शेयर मार्केट के कइंचिया दाँव के अइसन मौका बहुते कम मिलेला. कई बेर जब कवनो बड़हन खबर आवे वाला होला तब बाजार खुलल मिलेला. जइसे कि बजट भाषण का बेरा.…
- डॉ कमलेश राय, (एक) समाज आज कऽ जाने कइसे रही निरोग बढ़ल जात बाटे दिन पर दिन अब अखबारी लोग । झूठ, फरेब, जाल, तिकड़म के बा गोरखधंधा निपट…
- मीनाधर पाठक का जाने काहें रतिया देर से नींद पड़ल. ऊहो पतोहा, माने सिद्धि कऽ पुकार पर. हम आपन दूनू हथेली रगड़ि के आँखि पर लगवनी आ तकिया लग…
(एक) बेंड़ल बजर किंवाड़, यार अइले, चलि गइले ! ना सुनि परल पुकार, यार अइले, चलि गइले ! सूरज-चन्दा कऽ जोती से, तरइन का झिलमिल से, शान्त गगन कऽ मौन…
प्रोफेसर जयकान्त सिंह 'जय' ह्वाट्सअप संदेश भेजले बानी - भोजपुरी सेवी/प्रेमी सभे के सादर नेवता पिछला पचास बरिस से अपना संवैधानिक व्यवस्था के लोकतांत्रिक ढाँचा में बनल स्थायी समिति आ…
- राम पुकार सिंह 'पुकार' गाजीपुरी प्रकृति कऽ अलगे-अलगे रूप में अनुभूति भइल, ओकरा के मिठास भरल भासा में बखान कइल, अइसन पेंच वाला काम हऽ कि एकरा के उहे…
- गणेश नाथ तिवारी 'विनायक' घर से बहरी निकलते भोजपुरिया लोग भोजपुरी के ताखा पर रख देला. भोजपुरी पढ़े, लिखे आ बोले में बहुते लजाला लोग, अपने से अपना के…
- भरत मिश्रा ऊ कइसे लिखिहे चिट्ठी हमरा के जमाना का दौड़ में फोन आ गइल. हम सोचनी जा के मिलब उनसे शहर बनला से उनुकर घरवे बिला गइल. कबो…