चइती छठ के काल्हु नहाय खाय रहे आ एकरा साथही चार दिन ले चले वाला अनुष्ठान शुरु हो गइल बा. शुक का दिने खरना हऽ जवना में दिन भर उपवास का बाद व्रती लोग नियम विधि से खीर पूड़ी खाला आ फेर शुरु हो जाला छत्तीस घंटा के निर्जला व्रत. शनिचर का दिने साँझ वाला अरघ दिहल जाई आ अतवार के भोर वाला अरघ का साथे चइती छठ संपन्न हो जाई. बिहार में ई व्रत बहुते बड़हन पैमाना पर आ धूमधाम से मनावल जाला.