भगवान परशुराम के तपस्थली प मेला लागल

by | Nov 6, 2013 | 0 comments

जौनपुर 05 नवम्बर (वार्ता) जौनपुर जिला के सदर तहसील मे आजु माता रेणुका उर्फ अखण्डी देवी के मन्दिर पर विशाल मेला लागल बा.

भईया दूज, यम द्वितीया, के दिने जौनपुर के जमैथा गांव मे महर्षि जमदग्नि ऋषि के तपोभूमि आ उनका बेटा भगवान परशुराम के तपस्थली प बनल माता अखण्डी देवी के मन्दिर पर एह विशाल मेला के आयोजन भइल बा.

मान्यता हवे कि आजए का दिन पिता के आज्ञा मानत भगवान परशुराम अपना महतारी रेणुका, अखण्डी देवी, के मूड़ी कटले रहले आ जब पिता उनका से वरदान माँगे के कहले त अपना महतारी के फेरू जिया देबे के वरदान मांग लिहले.

एह दिन हर साल एहिजा मेला लागेला. लोग गोमती नदी मे नहाला आ माता अखण्डी देवी के दर्शन पूजन करेला.

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अँजोरिया के भामाशाह

रहिमन वो नर मर चुके ..... रहीम जी के एगो दोहा हऽ कि - रहिमन वो नर मर चुके जो कहूं मांगन जाय, उनके पहिले वो मुए जिन मुख निकसत नाहिं. बहुत शर्म का साथ कहे के पड़त बा कि हम ओह समाज से कुछ मांगल चहनी जवन कि ऊ देइए ना सकत रहे. करोड़ों भोजपुरियन में से लाख ना त हजार ना त कुछ सौ लोग त जरुरे रहल होखी जे अंजोरिया पर आइल होखी. भामाशाह बने के निहोरो पढ़ले होखी. कुल 13 गो लोग अइसन मिलल जे भामाशाह बने के दयाशीलता देखा सकल. आजु हम एह योजना के बन्द करे के एलान करत बानीं. ना चाहीं रउरा सभे से कवनो तरह के कवनो सहजोग. लिखनिहार के रचना ना चाहीं, पढ़निहारन के कमेंटो के जरुरत नइखे. आजु से अंजोरिया पर भोजपुरी के कवनो रचना भा एकरा से जुड़ल कवनो खबर प्रकाशित ना कइल जाई. स्वांत सुखाय लिखेनी, लिखत रहब. बाकिर अब से भोजपुरी में ना लिखब. अलविदा भोजपुरी ! भोजपुरी अमर रहे !
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सुतला मे, जगला में, चेत में, अचेत में। बारी, फुलवारी में, चँवर, कुरखेत में। घूमे जाला कतहीं लवटि आवे सँझिया, चोरवा के मन बसे ककड़ी के खेत में। - संगीत सुभाष के ह्वाट्सअप से


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