गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी आ भाजपा.सांसद योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश सरकार पर मुजफ्फरनगर हिंसा का मामिला में एकतरफा कार्रवाई करे के आरोप लगावत कहले बाड़न कि ई बाति न्याय का हित मे नइखे. कहलन कि अब सभे जान गइल बा कि एज दंगा का पीछे सपा. सरकार के बड़का मंत्री आ सरकार से जुडल लोग रहुवे. एकरा बावजूद सरकार एकतरफा हिंदूवन का खिलाफ कार्रवाई करे में लागल बिया.
भाजपा सांसद कहलन कि कवाल गांव में छेडछाड करे वाला के हत्या का बाद दू गो नवहियन के सरेआम हत्या कर दिहल गइल. पुलिस एकरा आरोपियन के गिरफ्तार ना कर के मराइल नवहियने के परिवार वालन पर मुकदमा थोप के जेल भेज दिहलसि. स्टिंग आपरेशन में साफ पता चल गइल कि सब कुछ लखनऊ मे बइठल एगो बड़का मंत्री के इशारा पर भइल.
एही भेदभाव का खिलाफ नगला मंदौड मे सात सितम्बर के भइल पंचायत से आवत लोगन पर जौली समेत अनेके गाँवन में हथियारबंद लोग हमला कइल. एकर सुबूत गंगनगर मे डालल ट्रैक्टर..ट्राली बाड़ी सँ. एह में अनेके बहुसंख्यक मरइले जवना के संज्ञान प्रदेश सरकार जानबूझ के नइखे लेत.
योगी आदित्यनाथ कहलन कि जवना गांवन से हिन्दू उजड़ल बाड़ें ओहू गाँवन के संज्ञान नइखे लिहल जात. स्वाभाविक बा कि हिन्दू मराई त ऊ हाथ पर हाथ ध के बइठल ना रही. उहो जवाब देबे करी. कहलन कि खास समुदाय ला शरणार्थी कैम्प लगावल गइल बा बाकिर उजड़ल हिन्दुवन ला कवनो इंतजाम नइखे कइले सरकार. योगी आरोप लगवले बाड़न कि मुस्लिम पक्ष के ओर से झूठहन एफआईआर लिखवावे खातिर 150 से अधिका इन्सपेक्टर आ सब इन्सपेक्टर लगावल गइल बाड़े बाकिर पीडित हिन्दुवन के एको एफआईआर दर्ज नइखे होखत. अबही ले हजारो निर्दोष लोग के गिरफतारी भइल बाकिर दोसरा ओर के गिरफ्तारी ना के बराबर बा.
भाजपा सांसद कहलन कि हिंसा का मामिला मे भाजपा के दू गो विधायकन समेत 19 लोग पर रासुका लगावल गइल बा. एहमें 17 गो हिन्दू बाड़ें. एह हाल में उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय के उम्मीदे ना करे के चाहीं. कहलन कि एह भेदभाव वाली कार्रवाई का चलते पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोग में खीस उपजल बा.
योगी आदित्यनाथ प्रदेश सरकार पर समाज आ राष्ट्र विरोधी तत्वन के संरक्षण देबे के आरोप लगावत कहले बाड़न कि सपा सरकार बस एके वर्ग के खुश क के वोट खातिर भेदभाव वाली कार्रवाई करत बिया.
कहलन कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के रिपोर्ट में बतावल गइल बा कि प्रदेश मे पिछला 19 महीनें में 93 गो दंगा आ 100 से उपर साम्प्रदायिक झडप भइल बा. मुजफ्फरनगर के कवाल गांव के घटना के जांच सीबीआई से करावे के माँग पुलिस के अधिकारीओ कइले बाड़े. प्रदेश सरकार के मंत्रियन का दबाव में अगर पकडाइल आरोपियन के छोड़ल ना गइल रहीत त अतना बड़हन हादसा ना होखीत. एह सच्चाई के उजागर करे वाला एसएसपी सुभाष चन्द्र दुबे के निलंबित कर दिहल गइल आ आरोपियन के घर के तलाशी करावे वाला जिलाधिकारी आ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के तबादला कर दिहल गइल.
भाजपा सांसद कहलन कि एह सब से साफ हो गइल कि प्रदेश मे ईमानदार आ कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी काम ना कर सकसु. समाज विरोधी आ राष्ट्रविरोधी ताकतन के खिलौना बन चुकल एह सरकार के रहते दंगा रूकी ना.
योगी माँग कइले बाड़न कि प्रदेश आ देश के व्यापक हित में मुजफ्फरनगर समेत सपा सरकार के रहते प्रदेश में भइल सगरी दंगन के जांच उच्चतम न्यायालय के देखरेख मे एसआईटी से करावल जाव.
(वार्ता)