एगो याचिका पर फैसला सुनावत सुप्रीम कोर्ट कहलसि कि लड़िकियन के शादी लायक कवनो खास उमिर तय कइल बहुत मुश्किल के बात होखी. कवनो उमिर हर केस में ठीक ना बइठ सकी आ कही ना कहीं कुछ गड़बड़ जरूर रह जाई.
असल में महिला आयोग कोर्ट से गोहार कइले रहुवे कि सु्प्रीम कोर्ट एगो हाईकोर्ट के ओह फैसला के रद्द कर देव जवना में दू गो नाबालिग लड़िकियन के शादी के जायज ठहरावल गइल बा. ओह मामिला मे हाई कोर्ट कम उमिर के दू गो लड़िकियन के अपना प्रेमी से शादी के जायज ठहरवले रहुवे आ लड़िका पर से अपहरण के मुकदमा हटा दिहले रहुवे. ओही फैसला का खिलाफ महिला आयोग सुप्रीम कोर्ट में आइल रहुवे कि एह तरह त नाबालिग लड़िकियन के शादी करावे के राह खुल जाई.
बाकिर सुप्रीम कोर्ट कहलसि कि ओह फैसला में कुछउ गलत नइखे आ आजु दुनु बालिग बाड़ी सँ आ कवनो के शिकायत नइखे कि ओकर शादी जबरिया करावल गइल रहे. कहलसि कि शादी के उमिर तय कइल कोर्ट के काम ना ह.