केन्द्र सरकार शासन आ प्रशासन में अन्तर बतावत प्रशासन का सहयोग से अन्ना हजारे के अनशन पर रोक लगावल चाहत बिया. सरकार के जोकपाल बिल के रद्दी के टोकरी में फेंके लायक बतावे वाला अन्ना हजारे एह मुद्दा पर १६ अगस्त से दिल्ली का जंतर मंतर पर आमरण अनशन करे के एलान कइले बाड़े आ एह खातिर दिल्ली पुलिस से औपचारिक अनुमति माँगल गइल बा. दिल्ली पुलिस के कहना बा कि चूंकि ओह समय संसद के अधिवेशन होखे वाला से बहुते संगठन आन्दोलन आ रैली के सूचना दिहले बाड़न. अइसन में कवनो एगो संगठन भा गुट के पूरा जंतर मंतर कब्जियावे के अनुमति ना दिहल जा सके. हँ एक दिन के अनशन के अनुमति दिहल जा सकेला बशर्ते ओकरा खातिर दू हजार से बेसी लोग ना जुटे.
अन्ना हजारे के सहयोगियन के कहना बा कि ओह हालत में अन्ना जंतर मंतर पर अनशन करीहें आ गिरफ्तारी दीहें. बाकी समर्थकन से कहल जाई कि दोसरा जगहा आपन गिरफ्तारी देव लोग. संसद के एह सत्र का समय कांग्रेस के पासा उलटा पड़ल जात बा. भठियारन के जेल भेजियो के ओकरा वाहवाही नइखे मिलत उलटे अन्ना का चलते कांग्रेस के छवि भठियारन के बचावे आ ओकनी के सहायता देबे वाला दल के रुप में बनल जात बा. कांग्रेस कर्नाटक मसला आ येदियुरप्पा के चरचा कर के भाजपा के कठघरा में खड़ा कइल चाहत रहुवे. उहो अब संभव नइखे लागत.
उलटे कांग्रेस के मुसीबत बढ़ गइल बा काहे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री शीला दीक्षितो पर लोकायुक्त सवाल उठा चुकल बाड़न.