भोजपुरी में लिखल आ कृति फान्ट भा यूनिकोड में टाइप कइल ‘हमार गाँव (……………..) जतना हम जानीं’ मथैला वाला निबन्ध गाँव में रहे वालन से माँगल जात बा. एह लेख में अपना गाँव का बारे में अधिका से अधिका जानकारी, इतिहास आ भूगोल समेत, कम से कम एगो फोटो का साथ (लिखनिहार के फोटो का अलावा) भेजीं. हर प्रकाशित निबन्ध पर एक सौ रुपिया मूल्य के भोजपुरी किताब भा पत्रिका भेजल जाई आ सबले बढ़िया निबन्ध पर पाँच सौ रुपिया के नकद इनाम दिहल जाई. एक से अधिको निबन्ध के पहिला पुरस्कार दिहल जा सकेला.
एह प्रतियोगिता में भोजपुरी इलाके के गाँव होखे चाहीं आ लिखे वाला ओहिजा के अगल बगल के कवनो काॅलेज के विद्यार्थी. लेख का साथे आपन महाविद्यालय पहचान पत्र के फोटो भेजल जरूरी होखी.
पुरस्कार के भा प्रकाशन के अंतिम फैसला भोजपुरिका संपादक के होखी आ ओह पर कवनो सवाल ना उठावल जा सकी. एह प्रतियोगिता में शामिल होखे ला कवनो तरह के शुल्क नइखे देबे के ना कुछ खरीदहीं के बा. मकसद बा भोजपुरी में लिखे के बढ़ावा दिहल आ एही बहाने भोजपुरी इलाका के गाँवन से परिचय कइल आ करावल.
अगर रउरा कवनो शहर में रहतानी त अपना गाँव में रहे वाला नवहियन के एह प्रतियोगिता के जानकारी दीं जेहसे अधिक से अधिक संख्या में लोग शामिल होखसु.
– संपादक,
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