महाराष्ट्र सरकार अपना पुलिस के निर्देश दिहले बिया कि विधायक भा मंत्री अगर कवनो अपराधी के छोड़े के पैरवी करसु त ई बात केस डायरी में दर्ज ना होखे के चाहीं. अबहीं ले विवेचना अधिकारी हर ओह बात के अपना केस डायरी में दर्ज कर देत रहन जेहसे कि आगा चल के केहू ओही लोग के गरदन मत नापे लागे. बाकिर पिछला दिने सुप्रीम कोर्ट में विलास देशमुख के किरकिरी होखला का बाद सरकार अब सुरक्षित खेल खेलल चाहत बिया. अपराधियन का साथे साँठोगाँठ रहे आ केहू के पतो ना लागे. भ्रष्टाचार का खिलाफ कांग्रेसी मुहिम शायद अइसने चलावल जाई जवना से कि कवनो क्वात्रोच्चि मत फँसे.