भारत के संसद भवन पर साल २००१ में भइल हमला के आजु नउवां बरखी मनावल गइल जवना में हर राजनीतिक दल के सदस्य शामिल भइलें. पक्ष आ विपक्ष संसद के पिछला सत्र ना चले देबे खातिर एक दोसरा के जिद्दी बतवलसि. सोनिया गाँधी खास कर के भाजपा पर हमलावर रहली कि ऊ घोटाला के जाँच करावे पर अड़ल बा जबकि ओकरा संसद में आमने सामने बहस के सामना करे के चाहीं. आडवाणी कहलें कि कई बेर संसद ना चले दिहलो से कुछ काम हो जाला जइसन कि अबकी भइल बा आ सत्ता पक्ष घोटाला के जाँच करावे के दबाव बढ़ल बा. आजु इहो याद करा दिहल जरुरी बा कि संसद हमला के मुख्य आरोपी अफजाल जिन्दा बा आ ओकरा देश के सुप्रीमो कोर्ट से मौत के सजाय सुनवला का बावजूद सरकार कवनो ना कवनो बहाने जिन्दा रखले बिया. इहो हो सकेला कि फाँसी में होखे वाला एह बेमतलब देरी का चलते कोर्टो ओकरा के रिहा करवा दे.