दू दिन पहिले देश का संसद में देश के सांप्रदायिक माहौल पर भइल चरचा मे गोरखपुर के सांसद, प्रखर आ तेजस्वी हिंदुत्व नायक, गोरखधाम पीठ के महंथ योगी आदित्यनाथ के भाषण सगरो चरचा में बा. हम सोचनी कि एह महत्व वाला भाषण के भोजपुरी मे अनुवाद क के अपना पाठक पाठिकन का बीचे राखी आ पेश बा ओह भाषण के ई भोजपुरी रूप. हो सकेला कि अनुवाद का क्रम मे कुछ छूट गइल होखे. कहीं कुछ गलती रह गइल होखे, से हम ओह भाषण के रिकार्डिग के लिंको एहिजे देत बानी. रउरो सभे खुद योगी के आवाज मे ओह भाषण के सुनी आ दस्तावेज का रूप मे एकरा के पढ़बो करी.
आ हमरा अचरज भइल कि उ जब आपन लिखित वक्तव्य एहिजा पढ़त रहुवन त कहत रहलें कि एहिजा 113 घटना घटित भइल. बाकिर जब मुॅह जबानी बोले लगलन त कहलन कि 600 से अधिका घटना घटित भइल. का साँच ह, ई हमरा लागऽता कि सगरी देश जानऽता. 26 मई के श्री नरेन्द्र मोदी जीे के नेतृत्व मे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार शपथ लिहले रहल. आ एह देश का भीतर एह सरकार के अइला का बाद आम जनता मे विश्वास बहाल भइल. (ताली) देखल जा सकेला, शासन मे, प्रशासन मे.
ई आँकड़ा जवन माननीय खड़गे जी एहिजा कहत रहलन, हम ओकरा पीछे ले के चलत बानी. आ हमरा लागऽता कि अगर ई आँकड़ा इहाँ का सचहू सकारब आ सचहू एह देश के सांप्रदायिक हिंसा से लोग चिन्तित बा त इहाँ के सांप्रदायिक आधार पर जवन घोषणा कइले रहीं ओकरा ला सगरी देश से इहाँ के माफी माँगे के पड़ी.
महोदय, 2011 मे (हल्ला) जवना राज्यन के आँकड़ा के हम जिकिर करत बानी ना ओहिजा ना केन्द्रे मे भाजपा के सरकार रहुवे. बाकिर एह देश में 580 घटना घटित भइल. 91 लोग मारल गइल आ 1899 घवाहिल भइले. एहमे सबले अधिका उत्तर प्रदेश का भीतर 84 घटना घटित भइल 12 लोग मराइल आ 347, 2011 मे, घवाहिल भइल रहले. दूसरा जगहा पर (हल्ला) महाराष्ट्र बा जहँवा 88 घटना घटित भइल. एहमे कांग्रेस नेतृत्व के सरकार रहल. 15 लोग मारल गइल. तिसरका पर कर्नाटक, एहिजो कांग्रेस के सरकार बा. एहिजा 70 घटना घटित भइल, आ एकरा बाद केरल मे 30 घटना घटित भइल. 2011 के बात करत बानी.
2012 मे 668 घटना घटित भइल. 94 लोग मरल आ 2117 लोग घाहिल भइल. 2013 में केन्द्र मे कांग्रेसे नेतृत्व के सरकार रहल आ 823 से अधिका फिरकावारान वारदात के घटना एह देश घटित भइल. जबकि कानून व्यवस्था राज्य के विषय ह. आ राज्य सरकार के जइसन मनसा होखेला, ओहिजा के राजनीतिक नेतृत्व जइसन होखेला, ओहिजा के प्रशासन ओही तरह के कार्रवाई करेला.
हमरा लागऽता कि अगर ई लोग इमानदारी से विश्लेषण कइले रहीत आ अपना केन्द्र सरकार आ आपने भा अपना से जुड़ल सहयोगी गोलन के चलावल सरकारन के फिरकावाराना एजेंडा पर धेयान दिहले रहीत, ई पोलराइजेशन आखिर होखत काहे बा. पोलराइजेशन के कारण का बा. हमरा लागत बा कि ओह पोलराइजेशन के कारणन के अगर इमानदारी से विश्लेषण करब सँ त हमारा लागत बाकि एक तरफ त रउरा कहत बानी जे हमनी का सेकूलर हईं, आ दोसरा तरफ एजेंडा जवन लागू करीले ओकरा के सांप्रदायिक रूप से, कोम्यूनल आधार पर, लागू करीले सभे.
एह देश मे बारह लाख से अधिका साधू संत आ पुजारी रहेलें, बाकिर ई लोग बस इमामन खातिर तनखाह के एलान करेले. एकतरफा काम करेले. का ई सेकूलर एजेंडा ह? (शेम शेम के आवाज) दिल्ली के सरकार कइलसि, पश्चिमी बंगाल के सरकार कइलसि, महाराष्ट्र के सरकार कइलसि. का इहे सेकूलर एजेंडा ह? सांप्रदायिक आधार पर ई लोग समाज के बाँटेला. (राहुल गाॅधी बइञल सुनत बाड़न) आ महोदय, ओही तरह से ई लोग. उत्तर प्रदेश के हम बात करत बानी अब. ओहिजा जवन योजना बा तवना में से बीस फीसदी मुस्लिम आबादी खातिर आरक्षित क दिहल बा. कब्रिस्तान के बाउन्डरीवाल का नाम पर गाँव-गाँव मे विवाद खड़ा क के, एह काम ला 300 करोड़ रुपिया दिहल जात बा आ एकरा जरिए गाँव-गाँव मे विवाद खढ़ा कइल जात बा. सुप्रीम कोर्ट कहेला कि कवनो सार्वजनिक संपति पर मंदिर के नाम पर, मस्जिद के नाम पर, कवनो दोसरा उपासना विधिका नाम पर, मदरसन के नाम पर, मजारन का नाम पर, कब्जा मत करे द. बाकिर उत्तर प्रदेश मे कब्रिस्तान के बाउन्डरीवाल का नाम पर धड़ल्ले से काम चलत बा, कवनो रोक टोक ना. काहे कि शासन के ई मनसा बा, एहसे प्रशासन एहमे बोलत नइखे. का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण ना होखी?
एही तरह से, ओहू ले खतरनाक हालात, आतंकवादियन पर दायर मुकदमन के वापिस लिहल जात बा. (शेम शेम के आवाज) एह देश मे (हल्ला) जे लोग राष्ट्रीय सुरक्षा ला खतरा बनल बा, जे लोग राष्ट्र के संप्रभुता के चुनौती दिहले बा, जे लोग लगातार भारत के संप्रभुता के चुनौती देत बा, आ देश मे हिंसा के बढ़ावा देत बा, ओह लोग पर दायर मुकदमन के, चाहे उ रामजन्म भूमि पर आतंकी हमला के होखे, भा संकटमोचन मंदिर काशी मे, सीआरपीएफ कैम्प रामपुर के मामिला होखे, भा गोरखपुर के सीरियल ब्लास्ट के मामिला, ई जतना मामिला बाड़ी स, एह सगरी मामिलन मे जवना आतंकवादियन के खिलाफ मुकदमा दर्ज भइल रहुवे, उत्तर प्रदेश के सरकार, वोट बैंक के लालच मे ओह मुकदमन के वापिस लेबे के घिनाह कोशिश कइलसि. न्यायालय आगर बीच मे ना रहीत त हो सकत रहे कि उ आतंकी बाहर छूट के फेरू से नरसंहार करत रहीतन स. जे तरह से उत्तर प्रदेश का भीतर आ पूरा देश मे भइल बा ओकरा बादो इ लोग कहत बा कि सांप्रदायिक अहिंसा बनल रहे.
महोदय, चरचा के विषय होखे के चाहीं कि आखिर सांप्रदायिक के ह, के ह सांप्रदायिक ? आ हमरा लागत बा कि एह पर चरचा भइल बहुते जरूरी बा. महोदय, जवन हमनी के जनले बानी जा, समुझले बानी जा. सांप्रदायिक उ होखेला जे कहेला कि हमार ईष्ट भा हमार देव भा हमार पैगंबरे सबले बढ़िया ह, ओकरा के माने वाला के त जिए के हक बा, बाकी के नइखे. हमरा लागऽता कि उ सांप्रदायिक ह.
हिंदू जीवन दर्शन कबो एह बात के इजाजत ना देव. हमनी का कृण्वंतो विश्वार्यम के संदेश दिहले रही जा. हमनी का सर्वे भवन्तु सुखिन के संदेश दिहले रहीं जा. हमनी का त एह देश का भीतर एकम सत्य, विप्रा बहुधा वदन्ती के बात कहले बानी जा, जीअऽ आ जीए द पर विश्वास हमनी के दर्शन करेला. आ दुनिया के कवन मजहब, कवन कौम बा जवना के विपरीत हालातन मे हिंदू दर्शन अपना लगे शरण ना दिहले होखे, ओकरा के फरे फुलाए के मौका ना दिहले होखे ? बाकिर आजु, जवन हिंदू दर्शन सभका के शरण दिहलसि, सभका के फरे फुलाए के भरपूर मौका दिहलसि, आजु जब ओही हिंदू दर्शन का खिलाफ षडयंत्र शुरू होखत बा त ओकरा त एकजुट होखही के पड़ी. आ हमरा लागत बा कि ई एह लोग के कामे के फल ह कि एह देश के हिंदू जनमानस आजु एह बात ला तइयार होखत बा कि ओकरा खिलाफ आज शासन तंत्र से जवन षडयंत्र होखत बा ओकर जवाब ओकरा देबही के पड़ी. आ आजु उहे हालात सामने आइल बा.
महोदय, हम पुछल चाहब एह लोगन से कि जब भारत के मुसलमान हज यात्रा करे जाला त ओकर पहिचान तब भारतीय का नाम पर ना, पाकिस्तानी के नाम पर ना, बाशगलादेशी नाम पर ना, भारतीय उपमहाद्वीप के जवने मुसलमान हज यात्रा करे जाला ओकर पहिचान हिंदू नाम पर होला. ओकर पहिचान भारतीय, पाकिस्तानी भा बांगलादेशी के नाम पर ना होखे. बाकिर हम जब ओह हिंदू पहिचान के एहिजा एह लोगन पर लगावल चाहीले त एह लोग के खराब लागेला. (हल्ला) हिंदू सांप्रदायिकता के ना, राष्ट्रीयता के प्रतीक ह. आ भारत के राष्ट्रीयता के प्रतीक एह हिशदुत्व के नाम के बदनाम करबऽ जा त ओकर दाम देबे के पड़ी एह लोगन के. आ एही से महोदय, हम रउरा जरिए एगो बाति कहल चाहत बानी.
महोदय, एक बेर गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर कहले रहन कि अगर भारत के समुझे के बा त (हल्ला) भारतीय अस्मिता के चिन्हे के पड़ी. आ भारतीय अस्मिता के चिन्हे के बा त स्वामी विवेकानशद का बारे मे रउरा सभे जान लीं. स्वामी विवेकानंद एगो बात कहले रहन कि गर्व से कहो हम हिशदू हैं. स्वामी विवेकानंद त सांप्रदायिक ना रहलन. उ त कवनो पार्टी के ना रहलन. स्वामी विवेकानंद त पूरा दुनिया में भारत के प्रतिनिधित्व कइले रहन. आ पूरा दुनिया मे, अपना देश का भीतर, जवन हिंदू अपना सहला खातिर जानल जात रहुवे आजु ओह हिंदू संगे कवन तरह के बेवहार कइल जात बा ? उ काश्मीर से भगावल जात बा. ओकरा के काश्मीर से निकालल जाला. एको बेर एह सदन मे चरचा ना होखे. एह लोग के मुँह ना खुले जब काश्मीर से साढ़े तीन लाख काश्मीरी पंडित निकालल जाले, तब ई लोग ना बोले.
साल 2012 मे असम का भीतर तीन महीना ले बोडो जनजाति के लोगन के मारल जात रहल केहू ना बोलल. (हल्ला) महोदय, केहू ना बोलल. जम्मू काश्मीर के हिंदूवन के मरइला पर, काश्मीरी पंडितन के ओह लोग के घर से बेदखल कइल गइल तब एको बेर ई लोग बोलल ना. एह लोग के कवनो पीड़ा ना भइल. दुनिया मे अपना तरह के ई विरला उदाहरण रहे जब अपने देश मे, अपने जाने वाला लोग बेदखल हो के खानाबदोश के जिनिगी जियत बा, ओह शर्मनाक घटना के निंदा ई लोग एको बेर ना कइल. मुंबई के दंगन पर ई लोग मौन रहल, जमशेदपुर आ भागलपुर के दशगा कांग्रेस का समय मे भइल रहुवे, एको बेर ई लोग ओह पर चिंता ना जतावल. अउर त अउर 1984 मे एह देश का भीतर, जवना सिख गुरुवन के योगदान एह देश के बचावे आ एह देश के धर्म आ संस्कृति, एह देश के समाज के बचावे मे बहुते खास रहल, ओह सिक्खन के कत्लेआमो पर एहनी के लाज ना लागे. आ ई लोग आजु बात करत बा एह देश का भीतर सांप्रदायिक सौहार्द के. एह लोग के पूरा चेहरा सांप्रदायिक हिंसा के करीखा से पोताइल बा, सांप्रदायिक एजेंडा से रंगाइल बा.
आ एही से महोदय, एह देश का भीतर असम मे का होखत बा ? बांगलादेशी घुसपैठिया एह लोगन के आपन हो गइले सँ, आ एह देश में लाखो बरीसन से रहत आइल समुदाय आन हो गइल, पराया हो गइल. महोदय, असम मे बांगलादेशी घुसपैठियन का चलते (हल्ला) उपाध्यक्ष महोदय, सचाई कड़ु होखेला. आ कड़ुआ सचाई सकारे ला ई लोग तइयार नइखे. काहे कि ई लोग ओह बेमारी से खुदे परेशान हो गइल बा, जवन बीमारी ई लोग पूरा देश के दिहले बा. आ एही चलते ई लोग सचाई के सकार ना सके. काश्मीरी पंडितन के निकलइला पर आ काश्मीरी पंडितन पर भइल अत्याचारन पर ई लोग मौन रहे.
हम साल 2012 13 मे असम मे देखत रहीं, तीन महीना ले लगातार दंगा होखत रहल, ई लोग एको बेर सदन मे चरचा ना करावल. असम जरत रहे. अउर त अउर एक बेर कांग्रेस के लोग असम के मुख्यमंत्रिए के कटघरा मे खड़ा क दिहल कि उ बोडो लोगन का बारे मे कइसे बोल दिहलन. अरे, बोडो ओहिजा के नागरिक हउवें ओकरा बारे मे ना बोलीहें त केकरा बारे मे बोलीहे ? लेकिन ई लोग बांगलादेशियन, घुसपैठियन के वकालत करेला. आ बांगलादेशी घुसपैठियन के वकालत करत ई लोग पूरा पूर्वोत्तर के भारत के समीकरण बदल दिहले बा. महोदय, असम का भीतर आजु कोकराझार, धुबरी, चिरान, आ बरपेटा जिला, जवन सबले बेसी हिंसा के चपेट मे बा, उ एहसे बा कि बांगलादेशी घुसपैठी ओहिजा आ के जमीन कब्जा लिहले बाड़े स. ई लोग वर्क परमिट का साथे साथ ओहनी के राशन कार्ड बनववले बा, आ बेलज्ज होके देश का साथे इ लोग ओहिजा खिलवाड़ कइले बा.
महोदय, अउर त अउर. हम कवनो अउर बात मे नइखी जाइल चाहत. हम पुछल चाहत बानी कांग्रेसियन से आ कम्युनिष्टनो से कि कोयम्बटूर आ बैंगलुरू धमाकन के जवन अभियुक्त ह, ओह दुर्दान्त आतंकवादी खातिर ई लोग विधानसभा के स्पेशल सत्र बोलावल. दुनू गोल एक संगे मिल के अपील करतारे कि ओकरा के छोड़वावऽ. का इहे सेकूलर ह? का इहे एह लोगन के सेकूलर एजेंडा ह ? का एह देश मे इहे सेकूलरिज्म ह ? आ एह देश का भीतर (बाधा) का भइल रहुवे. हम भुलाइल नइखीं. महोदय 11 अगस्त 2012 के मुंबई के आजाद मैदान मे जवन कुछ भइल (हल्ला) महोदय, आजाद मैदान के घटना का रहल ? रोयांग मुसलमान, जे बर्मा मे बाड़े, ओहनी से आ ओहिजा के बौद्धन का बीच मे ओहिजा हिंसा भइल, दंगा भइल, ई मामिला म्यानमार के रहल. भारत के ना. बाकिर म्यानमार के घटना पर दंगा कहाँ होखत बा. मुंबई के आजाद मैदान मे. ई लोग मौन रहत बा आ शहीद स्मारक तूड़ल जात बा, पुलिस के जवानन के मारल जात बा, मीडियावालन के मारल जात बा, उनका साथ साथ पुणे मे दंगा भइल, उनका साथे उत्तर प्रदेश मे बरेली मे, लखनऊ मे, कानपुर मे, इलाहाबाद मे दंगा भइल, ई लोग मौन रहल. ई लोग कबो ओह पर आवाज ना उठावल. ई लोग मौन रहल ओह घटना पर. ई उहे लोग ह जे आजाद मैदान का घटना पर मौन रहे, आ बाबा रामदेव पर, ओह सत्याग्रहियन पर रामलीला मैदान में लाठी चार्ज कर के बेशर्मी का साथे ई लोग वंदेमातरम के नारा लगावे वाला देशभक्तन पर ई लोग लाञी चार्ज करत बा. ई लोग देश का भीतर सांप्रदायिक हिसा का बारे मे बतियावत बा !
सांप्रदायिक हिंसा के फइलावल ? के फइलावत बा एह देश का भीतर ? के एह देश का भीतर सच्चर कमिटी का नाम पर देश के बाँटे के काम करत बा ? ई लोग सांप्रदायिक आधार पर 1947 मे देश के बाँटल, आ आजु फेरू देश के बाँटे का साजिश का तहत पाकिस्तान के एजेंडा पर ई लोग काम करत बा.
आ एहसे महोदय, जवन उत्तर प्रदेश का भीतर के घटना आइल बा ओह घटनन पर जब रउरा नजर डालब. महोदय, जवन घटना घटल बाड़ी सँ, ओह घटनन का बारे मे अगर हम रउरा सोझा असलियत राखीं त उ घटना अपना आप मे चउँकावे वाली घटना बाड़ी सँ. आ ई चउँकावे वाली घटना कतना खतरनाक बाड़ी सँ (हल्ला) हम उत्तर प्रदेश पर आवत बानी, (हल्ला) उपाध्यक्ष महोदय, सांप्रदायिक एजेंडा एह लोग के बा. हमनी के ना. हमनी का पूरा देश के एक जुट करे के काम कइले बानी, हमनी का त नारो दिहले बानी जा कि सभकर साथ सभकर विकास. बाकिर असम मे अली आ कुली के नारा ई लोग दिहले रहे हमनी के ना. (हल्ला) असम के ई लोग बाँटे के कोशिश करत बा, देश से अलग करे के साजिश करत बा. आ एही से हम रउरा जरिए कहल चाहत बानी का ईहे एह लोगन के सेकूलरिज्म ह ?
महोदय, हम उत्तर प्रदेश का बारे मे चरचा करल चाहत बानी. उत्तर प्रदेश मे 2012 मेश 118 घटना घटित भइल. 2013 मे 247. आ मार्च से मई ले 65 घटना हो चुकल बा. सहारनपुर के दंगा एहसे हो जात बा कि हाईकोर्ट का आदेश प सहारनपुर मे एगो गुरुद्वारा बनावल जात रहुवे. अब न्यायालय के आदेश प्रशासन ना मानी, उत्तर प्रदेश सरकार ना मानी. साठ मे एहसे विवाद होखत बा कि ओह गाँव मे चार गो पूजास्थल बा, तीन गो मस्जिद आ एगो मंदिर. तीन गो मस्जिदन पर माइक रही बाकिर मंदिर से माइक उतार दिहल जात बा. (शेम शेम) का इहे सेकूलर एजंडा ह एह लोगन के ? इहे सेकूलरिज्म ह ? का एकरे के रउरा सेकूलरिज्म कहब ? आ एहीसे महोदय, जवन कुछ घटना भइल. मेरठ मे एगो बालिका के अपहरण होखत बा. आ अपहरण भइला का बाद ओकरा साथे जवन घटना होखत बा कतना शर्मनाक रहे! (हल्ला) महिला हिंसा पर हम चरचा करत बानी. आ ओह महिला हिंसा के बात हम करत बानी एह सब कुछ का बावजूद ई लोग मौन हो जात बा. इनकर जुबान नइखे खुलत एह मामिला मे. न्याय के तराजू तबे चली जब एह देश का भीतर सभका ला समान कानून लागू होखी. एह देश मे पंथ, संप्रदाय आ मजहब का आधार पर कानून लागू ना हो सके आ एहीसे महोदय, रउरा जरिए हम माननीय गृहमंत्री से चाहब कि, कांग्रेस एगो मुद्दा दिहले बिया, नीमन होखी कि उत्तर प्रदेश का भीतर आ पूरा देश का भीतर जवन ई सब घटना भइल बा तवना के एसआईटी जाँच करवा दिहल जाय. सुप्रीम कोर्ट के कवनो सिटिंग जज से एह दंगन के जाँच करववला का साथ साथ अराष्ट्रीय तत्वन से कवना लोग के संबंध बा एकरो जाँच करवा दिहल जाय. दूध के दूध आ पानी के पानी सभका सोझा आ जाई. इहे बात करत हम निहोरा कइल चाहब कि अपना सांप्रदायिक एजेंडन का साथे ई लोग देश का सोझा आइल बा आ देॅश का खिलाफ एह लोग के खतरनाक मंसूबन का खिलाफ हमनी सब के मिल के लड़े के पड़ी.