अंग्रेजी के एगो बड़हन अखबार में 3 अक्टूबर के छपल खबर, कि भोजपुरी संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल त हो जाई बाकिर संघ लोक सेवा आयोग से एकरा के प्रतियोगी परीक्षा खातिर मान्य भाषा सूची में शामिल ना कइल जाई, का बाद भोजपुरी समाज दिल्ली के अध्यक्ष अजीत दुबे केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के चिट्ठी भेज के निहोरा कइले बाड़न कि भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता देत घरी एकरा के संघ लोक सेवा आयोग के मान्य भाषा सूची से बहरा मत राखल जाव.
एहिजा ई बतावे जोग बा कि संवैधानिक प्रावधानन का मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग खातिर ई जरूरी होला कि ऊ सिविल सेवा परीक्षा में 8वीं अनुसूची में शामिल भाषा में से कवनो भाषा के वैकल्पिक पेपर आ परीक्षा के माध्यम बनावे के विकल्प देव. बाकिर खबर में बतावल गइल बा कि संघ लोक सेवा आयोग 8वीं अनुसूची में अब से शामिल होखे वाला भाषा के अपना परीक्षा प्रणाली से अलग राखे खातिर संविधान संशोधन के प्रस्ताव रखले बा जवना के सरकार सकारे खातिर तइयार बिया आ जल्दिए एह दिसाईं कैबिनेट का सोझा प्रस्ताव पेश कइल जाई. आयोग के कहना बा कि एह भाषा सब में विशेषज्ञ नइखन जवना से कि इम्तिहान करा पावल मुश्किल बा. साथ ही एह सगरी भाषन में पर्याप्त साहित्यो के अभाव बा.
अजीत दुबे एही खबर के हवाला देत केंद्रीय गृह मंत्री के चिट्ठी लिखले बाड़ें कि संघ लोक सेवा आयोग के मान्यता वाली सूची से हटावत भोजपुरी के 8वीं अनुसूची में शामिल कइल न्याय ना होखी. भौजपुरी में ना त विशेषज्ञन के कमी बा ना एकरा लगे साहित्य के अभाव बा. लिखले बाड़न कि भोजपुरी के सिविल सर्विसेज परीक्षा प्रणाली से अलगा राखे के कवनो ठोस आधार भा तर्क नइखे लउकत. ऊ उमेद जतवले बाड़न कि भोजपुरी के ओकर जायज हक आ मान दिहल जाई आ संघ लोक सेवा आयोग के परीक्षा संबंधित मौजूदा प्रावधान का भितरे राखत भोजपुरी के संविधान के 8वीं अनुसूची में शामिल कइल जाई.
Thank you,
Bhojpuri need young generation to nourish it. Bhojpuriya youth should be in regular touch with Bhojpuri and only then the language will survive and thrive.
Yours,
Om