पलटिहें कि पलटावल जइहें पर चरचा करे से पहिले एगो भोजपुरी कहाउत, हिन्दी के कहावत भोजपुरी में कहाउत हो जाला. बतियो उहे रहेला आ मानहू ना बदले. कहाउत माने जवन कहल जाला, भा जवन कहात आइल बा. त पलटिहें कि पलटावल जइहें से जुड़ले एगो कहाउत ह कि – चाचा चोर भतीजा पाजी, चाचा का सिर पर जूता बाजी ! जब से ई कहउत चलल आवत बा तब त आजु वाला राजनीतिओ देश में ना रहुवे ना ही आजु के राजनीतिक चाचा-भतीजन के जोड़ी. अब एह कहाउत के विस्तार देबे के मन करे त चाचा का साथे फुओ के जोड़ लीं आ भतीजा का साथे भतिजिओ के. ले दे के माहौल एके जइसन होखी.
पहिलहीं बता दिहनी कि ई कहाउत एक जमाना से कहात आइल बा, एहसे आजु के कवनो चाचा अपना के चोर मत मानी, आ भतीजा अपना के पाजी. आ तब आईं कुछ मशहूर चाचा-भतीजा भा फुआ-भतीजा के जोड़ी के चरचा कर लीहल जाव. चाचा-भतीजी के कोण एकदमे नया- नया आइल बा एहसे हो सकेला कि भतीजी कहला पर रउरा ओकरा बारे में हो सकेला कि पता ना होखे.
महाराष्ट्र के चाचा-भतीजा के जोड़ी शरद पवार आ अजीत पवार के हवे, यूपी में शिवपाल यादव आ अखिलेश के चाचा-भतीजा वाला जोड़ी, भा मायावती आ अखिलेश वाला फुआ-भतीजा के जोड़ी. पश्चिम बंगाल में एह तरह के जोड़ी ममता आ अभिषेक में देखल जा सकेला. हो सकेला कि एह तरह के जोड़ी अउरिओ होखो बाकिर आजु हम एहू लोग के ना, बिहार वाला चाचा-भतीजा के जोड़ी के चरचा करे जात बानी.
हमरा किहाँ अइबऽ त का का ले अइबऽ आ तोहरा किहां आएब त का का खियइबऽ वाला अंदाज में पलटू चाचा केनियो जासु मलाई उनुके थरिया में पड़े के चाहीं. देश में बहुते राजनीतिक गुरु भा गुरुघंटाल अइलें बाकिर पलटू चाचा के जोड़ के केहू ना भइल. बिहार के 22वाँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 फरवरी 2015 में मुख्यमंत्री बनलन आ तब से एगो छोटहन समय काल छोड़ के आजु ले मुख्यमंत्री का कुरसी पर बइठल बाड़न. हालही का विधानसभा चुनाव का दौरान राजस्थान के तबके मुख्यमंत्री गहलोत के कहना रहल कि ऊ कुरसी नइखन पकड़ले, कुरसिए उनुका के जकड़ के रखले बिया. खैर उनकर मतिभरम त तुरते टूट गइल बाकिर असल में ई कहाउत नीतीश कुमार पर सबले सटीक बइठत बा. उनुकर समर्थन करे वाला बदलत रहलें बाकिर उनुकर कुरसी कबो ना छूटल. राजद के छोड़ भाजपा के समर्थन रहो भा भाजपा के लतिया के राजद का अँकवारी में बइठसु. लेकिन इहो होला कि सतभतरियन के तरह उनुको मन जल्दिए भर जाला आ फेर ऊ लाग जालें नया घर खोजे में.
पटना में जोरदार चरचा बा कि बिहार के मौजूदा सरकार कुछेके दिन के मेहमान बिया. देखे के बस अतने बा कि ऊ पलटी मारत बाड़न कि उनुका के पलटा दीहल जात बा. नीतीश कुमार के पलटू चाचा वाला नाम उनुकर भतीजा कहाए वाला बाकिर लालू के सुपुतरने के दीहल हवे आ ई उनुका से अइसन सट गइल बा कि छोड़ावे में भलही चमड़ी छिला जाव बाकिर ई लेबल ना छूटी. कहल जा रहल बा कि नीतीश अपने सरकार के पलटे के पूरा मन बना लिहले बाड़न आ देर होखत बा एह चलते कि अबकी भाजपा उनुका के सहजे सकारे के मूड में नइखे.
दोसरा तरफ भतीजन के गोल राजद के पूरा कोशिश बा कि कांग्रेस आ बँवारा गोल के विधायकन का सहारे ऊ आपन बहुमत बना लेसु. बशर्ते नीतीश के गोल के कुछ विधायक बिहार में मध्यप्रदेश क देसु. कमलनाथ के सरकार गिरावे खातिर गोल विभाजन जतना जुटान ना हो पावल रहुवे से कुछ विधायकन से इस्तीफा दिलवा के विधानसभा के सदस्य संख्या घटा दीहल गइल रहुवे आ ओह हालात में भाजपा का लगे बहुमत बन गइल रहुवे. बाद में उ सगरी विधायक दुबारा चुन लड़लें आ ओहमें से काम भर जीतियो गइलें.
हालांकि बिहार आ मध्यप्रदेश के हालात में फरका इहे पड़ी कि ओहिजा के राज्यपाल भाजपा से सहानुभूति राखेवाला रहलन बाकिर बिहार के राज्यपाल राजद के ओतना सहारा दे दिहें ई माने के कवनो कारण नइखे.
एहसे साँस रोकले रहीं सभे. काल्हु त गणतंत्र दिवस हवे आ काल्हु गणतंत्र के हत्या करे के अछरंग भाजपा अपना पर ना लगवावल चाही. बाकिर ओकरा अगिला दिने भा एकाधे दिन में बिहार के मौजूदा सरकार के इतिश्री हो गइल तय बा. अब या त चाचा पलटी मारसु भा भतीजा उनुका के पलटा द सँ. काहे कि चाचा पर जवने आरोप अछरंग लागल-लगावल जाव, चोरी भा भठियरपन के आरोप उनुका पर हरगिज ना लगावल जा सके. दोसरा तरफ भतीजा पाजी होखऽ सँ भा ना ओहनी के शैतानी पर पूरा भरोसा कइल जा सकेला.