काल्हु देश के 18वीं लोकसभा के पहिलका दिन रहल आ एह मौका पर लगातार तिसरका बेर प्रधानमंत्री बनल नरेन्द्र मोदी आपन संबोधन मीडिया का सोझा कइलन. हमेशा कुछ ना कुछ गलतबयानी कर जाए वाला मोदी काल्हु फेर एगो गलत बयानी क गइलन. कह दिहलन कि 25 जून 2024 के पचास बरीस पूरा हो जाई ओह आपातकाल लगवला के. असल में पचास साल ना उनचास साल होखी आजु 25 जून के.
पता ना धेयान दिहनी सभे कि ना कि हम लॉकतंत्र लिखले बानी लोकतंत्र ना. आ आजु का लेख में हम अइसन कई गो विकृति के इस्तेमाल करब. जइसे कि लॉकतंत्र, ताना-सही, फख्र, फखरु-दीन, इन्डिरा, इन्डी, एन्डी, फैजावादी, अ-योद्धा वगैरह. बाकिर आईं पहिले जानल जाव कि देश पर आपातकाल थोपल काहे गइल.
जब पीएम लाल बहादुर शास्त्री के ताशकंद में रहस्यमय परिस्थिति में निधन हो गइल तब कांग्रेस के बड़का नेता सोचलन कि काहे ना एगो ‘गूंगी गुड़िया’ के पीएम बनवा दिहल जाव आ अपना हिसाब से सरकार चलावल जाव. बाकिर भुला गइल लोग कि ई गुड़िया ओह आदमी के बेटी हियऽ जे अपने पीएम बने का लालसा में देश के बॅटवारा करा दिहलसि. खैर, ओह लोग के गलतफहमी दूर होखे में देर ना लागल आ ऊ गूंगी गुड़िया ओही लोग के गूंग बना गइल. शुरुए से अपना मरजी के काम करे वाली इन्डिरा पहिले त कांग्रेस में बँटवारा करवली. फेर बैंकन के सरकारीकरण, प्रीवि पर्स हटावल, आ गरीबी हटाओ का नारा का सहारे प्रचंड बहुमत से जीत गइली. बाकिर उनुका सांसद चुनइला का खिलाफ मुकदमा चला दिहलन राजनारायण. इलाहाबाद हाई कोर्ट फैसला सुना दिहलसि कि इन्दिरा गाँधी के चुनाव नाजायज तरीका से जीतल गइल आ उनुकर निर्वाचन रद्द कइल जात बा. स्वाभाविक रहे कि एह फैसला का खिलाफ अपील ले के इन्दिरा सुप्रीम कोर्ट में गोहार लगा दिहली. सुप्रीम कोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसला के बरकरार राखतो इन्दिरा के पीएम बनल रहे के इजाजत दे दिहलसि एह शर्त पर कि ऊ संसद में कुछ बोलिहें भा करिहें ना. ओही 25 जून 1974 का रात में जेकरा पर फख्र ना कइल जा सके ओह फखरु-दीन से देश भर में आपातकाल के घोषणा पर दस्तखत करवा लिहली इन्दिरा. एही से साफ हो जात बा कि आफत देश पर ना आइल रहुवे इन्दिरा पर आइल रहल.
इंदिरा गंधी तब ले अपना पार्टी, अपना सांसदन, आ कार्यपालिका के प्रतिबद्ध बना लिहले रहली आ न्यायपालिको के प्रतिबद्ध करे के जतन करे में लागल रहली. एही जतन में तब ऊ तीन गो सीनियर जजन के लांघत चउथा नंबर पर रहल जज के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बना दिहली. इन्दिरा गाँधी का जमाना में कई गो संविधान संशोधन भइली सँ जवना में सुप्रीम कोर्ट के फैसलन के पलट दिहल गइल. संविधान के मूल स्वरुप खतम कर दिहल गइल बाकिर आ आजु बात-बेबात फरफरात न्यायपालिका के जुर्रत ना भइल कि ऊ एह संशोधन के निरस्त कर सके. अब एह सब मुद्दन के चरचा करे लागब त लेख बहुते लमहर हो जाई.
हँ त देश पर काल बन के आइल एह आफत का दौरान जिनका पर आफत बरसल ओह लोग के वंशज आजु ओही कांग्रेस का साथ खड़ा बाड़ें इंडी अलायंस बना के आ हालिया चुनाव में ई लोग एन्डी अलायंस के ताकत कमजोर करहूं में सफल हो गइल. अलग बात बा कि एह पूरा इंडी अलायंस के जतना सीट पर जीत मिलल ओह ले बेसी सीट पर एन्डी अलायंस के भाजपा अकेले जीत गइल. हद त ई बा कि अयोध्या नाम के कवनो लोकसभा सीट ना होखला का बावजूद इंडी वालन के कहना बा कि ऊ अयोध्या सीट जीत गइलें. आ हर तरह के गलीज से गलीज ताना सुनियो के सह जाए वाला आ सभकर साथ लेबे का फेर में अ-योद्धा बन गइल ताना-सही मोदी आ उनुकर टीम चुप्पी सधले बा.
शायद एह लोग के कुछ सेटिंग सोनिया परिवार से बा कि कहे खातिर जवन कही लोग बाकिर असल में कुछ करी लोग ना. ना त नेशनल हेराल्ड वाला मामिला सलटावल जाई, ना राहुल गाँधी के नागरिकता पर उठल विवाद का बारे में सही बात सामने ले आवल जाई. मतदातन के खटाखट एक एक लाख देबे के प्रलोभन दे के 99 सीट जीत गइल कांग्रेस के सांसदन का खिलाफ कवनो मुकदमा नइखे कइल जात. आ हमरा जइसन लोग दू बेकत का झगड़ा में लबरा बन के उतर जात बा.
रउरा सभे से निहोरा बा कि बगल में कइल अपील पर कवनो धेयान ना देब सभे. आ गलतियो से एह पोस्ट के अपना सोशल मीडिया पर साझा मत करब सभे. आखिर दुनिया भर मेंं भोजपुरी में पहिलका वेबसाइट अंजोरिया के जरुरते का बा कि एकरा के सहजोग कइल जाव. अतना देर ले हमार बकबक पढ़नी एह ला आभार जतावत बानी. आ हँ, एह भा कवनो लेख पर कवनो टीका टिप्पणी कइलो के जरुरत नइखे काहें कि ओकरा खातिर रउरा लागिन करे के पड़ी, आपन ई मेल बतावे के पड़ी आ राउर ईमेल हमरा मालूम हो जाई त राउर प्राइवेसी खतम हो जाई. एह से सावधान. अइनीं, पढ़नीं से त ठीक बा बाकिर अब गँवे से सरक जाईं. कहीं लोग के मालूम मत हो जाव कि रउरा भोजपुरी पढ़ लिहिलें.