“बैर के अंत” के मंचन
– रश्मि प्रियदर्शिनी प्रेमचंद समाज के हर पहलू के जवन सूक्ष्म चित्रण कर गइल बानी, सहज सरल रूप में जवन आईना सबका सामने रख गइल बानी, ऊ अद्भुत बा. आज…
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– रश्मि प्रियदर्शिनी प्रेमचंद समाज के हर पहलू के जवन सूक्ष्म चित्रण कर गइल बानी, सहज सरल रूप में जवन आईना सबका सामने रख गइल बानी, ऊ अद्भुत बा. आज…
– डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल साइते केहू भोजपुरिहा होई जे “अंगुरी में डँसले बिया नगिनिया रे, ए ननदी सैंया के जगा द.” आ “सासु मोरा मारे रामा बाँस के छिउँकिया,…
– रामरक्षा मिश्र विमल हिंदी लीखे में पानी छूटेला हमरा भजपूरी* काहें लिखवावत बानी भाई ? पग पग पर गूगल के सरन लिहींला कवनो भाषा से अनुवाद करींला भलहीं पेपर…
डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘सेंगर’ आजु स्टाफ रूम में इंस्पेक्शन के बात एक-एक क के उघरत रहे. हमरा प्राचार्य डॉ. संजय सिंह ‘सेंगर’ जी…
डॉ. अरुणमोहन भारवि के कुछ रचना परशुराम (भोजपुरी पौराणिक उपन्यास) 1977 में भोजपुरी संस्थान, 2, ईस्ट गार्डिनर रोड, पटना से प्रकाशित. राख भउर आग (भोजपुरी जनवादी उपन्यास) 1985 में अरुणोदय…
बिहार के सिवान में पाँच दिन चले वाला भोजपुरी नाटकन के उत्सव जीरादेई ब्लॉक के नरेन्द्रपुर (नरीनपुर) गाँव में होखे जा रहल बा. भोजपुरी नाटक खेले वाली मशहूर संस्था रंगश्री…
मैथिली-भोजपुरी अकादमी दिल्ली द्वारा आयोजित नाट्योत्सव के धमाकेदार शुरुआत दिल्ली सरकार के कला-संस्कृति मंत्री श्री कपिल मिश्र आ अकादमी के उपाध्यक्ष श्री संजॉय सिंह द्वारा दीप प्रज्वलन का सङे भइल.…
– लव कान्त सिंह फगुआ के शुरू हो गइल रहे चकल्लस ऊ हमरा तरफ देखलस या कहलस भइया जी हम तहरा के रंग लगायेम हम कहनी, ओसे पहिले भाग जाएम।…
– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी 1 पगे पग ठोकर समय के नचवना कइसन जिनगी सटत रोज पेवना. घुमल अस चकरी पलिहर जोताइल नमियो ना खेते बीया बोआइल उमेदे से अंखुवा ,…
डॉ. नंदकिशोर तिवारी द्वारा संस्कृत के कवि भास के भोजपुरी में अनूदित कुछ नाटक डॉ. नंदकिशोर तिवारी संस्कृत के कवि भास के एगारह गो नाटकन के भोजपुरी में अनूदित कर…
भोजपुरी के कुछ ऑफलाइन पत्रिका भोजपुरी के कुछ पत्रिका, जवन ऑनलाइन नइखी सन. एहमें से जो कवनो पत्रिका, ऑनलाइन होई त हमरा जानकारी में नइखे आ खुशी के विषय होई…