किताबि आ पत्रिका के परिचय – 10

माया माहाठगिनि “माया माहाठगिनि” डॉ. गदाधर सिंह के भोजपुरी ललित निबंध संग्रह हटे, जवना के द्वितीय संस्करण के प्रकाशन सन् 2013 में निलय प्रकाशन, वीर कुँअर सिंह विश्वविद्यालय परिसर, आरा,…

किताबि आ पत्रिका के परिचय – 9

मुट्ठी भर भोर ” मुट्ठी भर भोर ” डॉ. अरुणमोहन भारवि के भोजपुरी कहानी संकलन हटे, जवना के प्रकाशन सन् 2013 में अरुणोदय प्रकाशन, आर्य आवास, भारतीय स्टेट बैंक (मुख्य…

नीक-जबून-5   

डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी रसियाव खाईं आ टन-टन काम करत रहीं आजु स्टाफ रूम में अपना गीत के एगो लाइन गुनगुनात रहीं- “ननदी का बोलिया में बने रसियाव…

किताबि आ पत्रिका के परिचय – 8

मातृभाषाई अस्मिता बोध “मातृभाषाई अस्मिता बोध” डॉ. जयकांत सिंह के भोजपुरी मातृभाषा चिंतन पर एगो प्रबंधात्मक पुस्तक बिया, जवना के प्रकाशन सन् 2016 में राजर्षि प्रकाशन, मुजफ्फरपुर – 842001 (बिहार)…

राष्ट्र प्रेम के एगो गीत

मान बढ़ाईं जा माटी के रामरक्षा मिश्र विमल दुअरा अंगना कहिया छिटकी मधुर किरिनिया भोर के कहिया पन्ना पलटल जाई भारत माँ के लोर के ? तमिल तेलगू बङला हिन्दी…

‘गोवर्धन पूजा’ आ ‘गोधन’ के बधाई आ शुभकामना

भोजपुरिका का ओर से रउँआ सभ के ‘गोवर्धन पूजा’ आ ‘गोधन’ के बधाई आ बहुत-बहुत शुभकामना. (गोधन के फोटो jagran.com से साभार)

नीक-जबून- 3

डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल के डायरी दीया-दियरी के दिन बहुरल तीन-चार दिन पहिले कपड़ा-ओपड़ा कीने खातिर निकलल रहीं जा. प्लेटफॉर्म प चढ़ते जवन लउकल, ओसे त चका गइलीं हम. जहाँ…

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