अंधेर नगरी माने बिजली के बिना शहर

– जयंती पांडेय रामचेला लइकन के बतावत रहले कि अंधेर नगरी के माने का होला. ओकरा खातिर जरूरत होला चौपट राजा के. बिना चौपट राजा के अंधेर नगरी होइये ना…

ई अंगरेजी हऽ जहाँ चाचा मामा फूफा सभे के अंकल कहाला

– जयंती पांडेय लस्टमानंद के नतिया लोअर इस्कूल में पढ़त रहे आ कहत रहे अंकल माने चाचा, मामा, फूफा. उनका आपन दिन याद आ गइल. उहो त इहे पढ़ल रहले.…

जेकरा लगे लाठी ओही के लगे भईंस

– जयंती पांडेय नेताजी काल्हु दुपहरिया में गावें अइले. चुनाव के मौसम बा ना त ऊ अइसन जरत दुपहरिया में एसी से निकले वाला जीव ना हउअन. काम रहे सब…

गांवो में फइलल किरकिटिया बेमारी

– जयंती पांडेय ओह दिन गांव के बूढ़ नथुनी बाबा के देहांत हो गइल. इंडिया आ पाकिस्तान के क्रिकेट मैच रहे ओह दिन. ऊ का दो बीस-बीसा (20-20) कहाला, उहे…

राजनीति में इज्जत आ पांक में सम्बंध

– जयंती पांडेय रामचेला बाबा लस्टमानंद से पूछले कि राजनीति में भ्रष्टाचार के अलावा आउर का होला? बाबा मुस्किअइले आ कहले भ्रष्टाचार त राजनीति के फल होला ओकरा में शामिल…

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