ना नीमन काम करे, ना दरबारे ध के जाय : बतंगड़ – 36

– ओ. पी. सिंह समाज के अनुभव इहे बा कि नीमन काम करे वाला के आए दिन मुसीबत झेले के पड़ेला. ओकरा से सभकर उमीद अतना बढ़ि जाला कि ओकर…

चोर चोरी से जाई बाकि तुम्बाफेरी से ना : बतंगड़ – 35

– ओ. पी. सिंह अपना देश के राजनीति दू गोले ह, भलही हर गोल में अलग अलग कई गो अउरी गोल समाइल रहेला. सबले बड़का दू गो गोल ह हिन्दू…

खस्सी के माई कहिया ले खरजिउतिया मनाई : बतंगड़ – 33

– ओ. पी. सिंह सुदर्शन के लिखल कहानी – हार की जीत – आजु बरबस याद आ गइल. ओह कहानी में त बाबा भारती से छीनल घोड़ा खड़ग सिंह लवटा…

जइसन खोजलऽ हो कुटुम्ब, तइसन पवलऽ हो कुटुम्ब : बतंगड़ – 32

– ओ. पी. सिंह अबहीं चुनाव में हार के दरद कमो ना भइल रहे कि मोदी के राजनीति के तिरशूल आ के करेजा में धँसि गइल. आहो नइखे निकल पावत,…

पिया नाहीं अइले अबकी फगुनओ में : बतंगड़ – 30

– ओ. पी. सिंह अगर कवनो समाज के खतम करे के होखे त ओकरा नाभि प चोट करे के चाहीं. आ समाज के नाभि ओकरा भासा, ओकरा परम्परा, ओकरा संस्कार,…

महामहिम, राउर बतिया हमरा से बरदाश्त नइखे होत : बतंगड़ – 29

– ओ. पी. सिंह महामहिम राष्ट्रपति जी, राउर बतिया हमरा से बरदाश्त नइखे होखत. अब रउए बता दीं कि हम कहाँ जाईं. कोच्चि मे 2 मार्च के दीहल राउर उद्बोधन…

अबीर कहाँ गिरल, पता चलल कि थरिए में : बतंगड़ – 28

– ओ. पी. सिंह जे सुधरल बा ऊ त चुपाइल बा बाकिर जेकरा अपना मरजी का खिलाफ सुधरे के पड़ल बा ओकर पीड़ा उहे बता सकेला जे भोगत बा भा…

दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया : बतंगड़ – 27

– ओ. पी. सिंह दुअरा सवतिया के पिया के बरतिया, देखि देखि फाटे रामा पथरो के छतिया. जिनिगी के जरेला सिंगार, दइबा दगा कइलें. एह घरी स्मार्टफोन के जमाना बा…

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