रेडियो के अमर किरदार – लोहा सिंह
लव कांत सिंह ’लव’ एतवार के दिन होखे त सब लोग फटाफट आपन काम निपटा लेवल चाहत रहे, सभे जल्दी-जल्दी बाजार से लवट के आ जात रहे, दोकानदार अपना-अपना रेडियो…
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लव कांत सिंह ’लव’ एतवार के दिन होखे त सब लोग फटाफट आपन काम निपटा लेवल चाहत रहे, सभे जल्दी-जल्दी बाजार से लवट के आ जात रहे, दोकानदार अपना-अपना रेडियो…
डॉ अर्जुन तिवारी न समझने की ये बातें हैं न समझाने कीजिंदगी उचटी हुई नींद है दीवाने की. फिराक गोरखपुरी दुख-सुख, हर्ष-विषाद, आशा-निराशा, हानि-लाभ, जीवन-मरण, यश-अपयश के चलते हमनी के…
विजय मिश्र ओह दिन बाँसडीह जाए के रहल। मोटर साइकिल निकाल के स्टार्ट कइनी त पेट्रोल कम बुझाइल। कुछे दूरी पर पेट्रोल टंकी रहे, उहाँ पहुँचते सामने से एगो लइका…
डॉ अशोक द्विवेदी 'कबीर कूता राम का/मुतिया मेरा नाउँ। गले राम की जेंवड़ी/जित खैंचे, तित जाउँ।।' कबीर उत्तर भारत के अइसन फक्कड़ मौला सन्त रहलन, जे अपना सहज लोकचर्या आ…
गंगा प्रसाद 'अरुण' जा हो निझाइल जवानी! एह भरल बसंत के भोरहरिया में इयादो आवे के रहले त रामेटहल काका आ कपार पर चकरघिन्नी खात उनकर कहटर पुरान! असल में…
जे भोजपुरी में, भोजपुरी खातिर, बिना लोभ-लालच आ मान-प्रतिष्ठा के परवाह कइले बरिसन से चुपचाप रचनात्मक काम कर रहल बा आ कइले जा रहल बा, ओके नजरअन्दाज कइ के, एक-दूसरा…
- भगवती प्रसाद द्विवेदी भोजपुरी आन्दोलन के संगठनात्मक अगुवाई आ सिरिजना के अभूतपूर्व ऊँचाई देबेवाला शख्सियत के नाँव ह - आचार्य पाण्डेय कपिल। एक ओर ‘फुलसुंघी’ जइसन जियतार - यादगार…
- आचार्य विद्यानिवास मिश्र भोजपुरी में लिखे के मन बहुते बनवलीं त एकाध कविता लिखलीं, एसे अधिक ना लिखि पवलीं। कान सोचीलें त लागेला जे का लिखीं, लिखले में कुछ…
- डॉ. रामरक्षा मिश्र विमल साइते केहू भोजपुरिहा होई जे “अंगुरी में डँसले बिया नगिनिया रे, ए ननदी सैंया के जगा द.” आ “सासु मोरा मारे रामा बाँस के छिउँकिया,…