पश्चिम बंगाल का सलकिया में मानस परिवार सेवा समिति क ओर से भोजपुरी लोक-संगीत चैता के भव्य आयोजन 3 अप्रैल के रात नौ बजे से आरआर रोलिंग मिल परिसर, 96 धरमूतल्ला रोड, सलकिया में करावल गइल जवना में चैता के आनन्द देर रात तक हजारों रसिक लिहलें.
एहमें भोजपुरी संगीत में विशिष्ट उपलब्धि खातिर भरत शर्मा व्यास, गायत्री ठाकुर, प्रतिभा सिंह आ वीरेन्द्र सिंह धुरान के सम्मानित कइल गइल. सम्मान प्रदान करे वालन आ एह अवसर पर सम्बोधित करे वालन में शिवजी तिवारी, शशिधर सिंह, राजकिशोर तिवारी, राजा बाबू सिंह, वीरेन्द्र शर्मा, मामा सिंह, जलेश्वर सिंह वगैरह खास रहलें.
कार्यक्रम के शुरुआत प्रतिभा सिंह के गीत से भइल आ ऊ चैती “सगरी चइत बीत गइले हो रामा, पिया नाहीं अइले” गा के बढ़िया समां बना दिहली. तब माहौल के आगे बढ़वलन गायत्री ठाकुर. लगभग दू दर्जन झाल, ढोलक , हारिमोनियम का संगीत पर ऊ पारम्परिक चईता गवलें, “पहिले सुमिरों सुरसति मतवा हे रामा, एही ठइयां. आजु चईत हम गाइब हे रामा, एही ठइयां.”
एह अवसर पर बोलत भरत शर्मा भोजपुरी भाषा के अश्लीलता से बचावे के गोहार लगवलन आ एही भाव के एगो गीतो सुनवलें. ” गीत भोजपुरी से अश्लील हटावल जाई, त केतना नीमन होई. भिखारी ठाकुर के गितिया अगर गावल जाई, त केतना नीमन होई. ” भोजपुरी के अश्लीलता का लड़ाई में भरत शर्मा आजुकाल्हु आगा आ के शामिल बाड़न. आ हर मौका पर एह मुद्दा के उठा रहल बाड़े.
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