आ दुर्रऽऽऽ, हमरा कवन काम बा केहु से कहला के? (बतकुच्चन – ११४)

by | Jun 13, 2013 | 0 comments


आ दुर्रऽऽऽ, हमरा कवन काम बा केहु से कहला के?

हर गाँव में अइसनका एगो फुआ भा काकी जरूर मिल जइहें जिनकर कामे होला एने के बात ओने चहुँपावल आ गाँव भर के चुहानी घूमल. राजनीति आ मीडियो में अइसनका लोग के कमी ना मिले. ई लोग जवन बात कहे चाहेला तवना के अस अंदाज से कही कि लागो कि बेचारा कहल ना चाहत रहुवे बाकिर कहा गइल. अब ए कहल आ कहा गइला में जवन फरक बा तवना के आसानी से समुझल जा सकेला. बाकिर एकरे साथी संघतिया होला बेकहल. आईं जानल जाव कि बेकहल केकरा के कहल जाला.

बेकहल जवन केहु के कहला में ना रहो भा जेकरा बारे में कुछ कहल ना जा सके कि ऊ कब का कर जाई. मजे के बात ई कि बेकहल बूड़बक बताह ना होला, आ जरूरी नइखे कि ऊ बदनीयतो होखो. ऊ त बस अपना मन के मालिक होला जे बस अपना हिसाब से चलेला. हद से हद ओकरा के अनेरिया कह सकीले. हालांकि ओह लोग के हमेशा बढ़िया मानल जाला जे करे वाला काम बिना केहु के कहले, माने कि बे कहले कर देव. कार्यालय में, संगठन में, कारखाना में, दूकान में हमेशा अइसन कर्मचारियन के वाह वाह होखेला. त बेकहल आ बेकहले काम करे वाला में कतना फरक आ गइल से देख लीं. बेकहल भलही बेकाम के होखे बेकहले काम करे वाला कबो बेकाम ना हो सके.

ई त भइल बेकहल आ बेकहले काम करे वालन के बात. बाकिर कुछ लोग अइसनो होला जे कहलो पर काम ना करे आ बेकहलो ना होखे. ओकरा के का कहल जाव. आलसी कि कामचोर? काहे कि आलसी आदमी कामचोर ना होखे. बहुते संभव बा कि ऊ चाहत होखे काम करे के बाकिर अपना असकतिया सुभाव का चलते ना कर पावत होखे. असकतिया शब्द संस्कृत के अशक्त से निकलल होखला का बावजूद अशक्त होखे ना. ओकरा लगे शक्ति त होला बाकिर ऊ ओह शक्ति के इस्तेमाल करे में अशक्त हो जाला. जबकि कामचोर भा देहचोर अशक्त ना होखे, असकतिइबो ना करे. ऊ त बस काम से देह चोरावे वाला होला. जाँगर ठेठावल ऊ ना चाहे. ओकर कहना होला कि अजगर करे ना चाकरी, पंछी करे ना काम, दास मलूका कह गए सब के दाता राम.

अब पता ना ई राम आजु के यूपीए सरकार जइसन रहले कि कुछ अउर. काहे कि यूपीए सरकारो के इहे कहना बा कि ऊ सभका के भोजन के गारंटी दिहल चाहत बिया. अब जब सभका के दाना पानी के ईंतजाम होइए जाई त केहु जाँगर काहे ठेठाई? आ सभे जब याचके बन जाई त दाता कहाँ से अइहें? कहीं अइसन त ना कि भोजन सुरक्षा का नाम पर नेतवा अपना भोजन के सुरक्षा के इंतजाम करत बाड़ें. आखिर एक के फूड दोसरा ला फॉडर बनिए जाला. जेने देखीं ओनिए लोग लागल बा अपना अपना हिसाब से घपला घोटाला करे में. पूछीं त कह दी लोग कि आजु का जमाना में इमानदार उहे बा जेकरा बेइमानी करे के मौका ना मिलल. बात बहक गइल. हमरा कवन काम बा ई सब कहला के? जेकरा करे के बा से करी आ जेकरा भोगे के बा से भोगी. कहाउत ह कि बारह बरीस पर घूरो के दिन फिरेला आ देखीं ना आजु बिहार में उहे हो गइल. बाकिर दुर्रऽऽ, हमरा कवन काम बा कुछ कहला के!

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