भोजपुरी के लोकचितेरा कवि, नाटककार, समाज सुधारक भिखारी ठाकुर के जयंती एह साल उनका गाँवे कवनो समारोह नइखे होखत. पहिला बेर वाराणसी में भिखारी ठाकुर के जयन्ती समारोह आयोजित होखत बा.
भिखारी ठाकुर के जनम सारण जिला के दियरा इलाका के गाँव कुतुबपुर में आजुए का दिने 18 दिसंबर के भइल रहुवे. भोजपुरी नृत्यनाटिका का जरिए सामाजिक सुधार के अलख जगाए वाला एह लोक चितेरा के उनुका सामाजिक योगदान खातिर पद्मश्री सम्मान दीहल गइल रहे.
मशहूर साहित्यकार राहुल सांकृत्यायन का नजर में भिखारी ठाकुर ‘भोजपुरी के अनगढ़ हीरा’ रहलन, दू दर्जन से बेसी नाटकन का माध्यम से भिखारी ठाकुर समाज के अनेके कुरीतियन पर चोट कइले रहलन. उनकर लिखल नाटकन में बिदेसिया, गबर घिचोर, बेटी बेचवा वगैरह खास रहली सँ.
मशहूर नाटककार संजय उपाध्याय भिखारी के‘ बिदेसिया’ के राष्ट्रीय स्तर पर मंचित क के मशहूर भइलन त गायिका कल्पना भिखारी के गीत गाके दुनिया भर में चर्चित भइली. उपन्यासकार संजीव भिखारी ठाकुर के जीवन पर ‘सूत्रधार’ लिखलन त बिहार राष्ट्रभाषा परिषद का तरफ से डॉ वीरेन्द्र नारायण यादव के संपादन में ‘भिखारी ठाकुर रचनावली’ प्रकाशित भइल. पटना में भिखारी ठाकुर पथ बा. अवतार नगर टीसन पर उनुका नाम के बोर्ड लागल बा. छपरा शहर में उनकर मूर्ति उनुका मंडली समेत लागल बा. बाकिर एही भिखारी ठाकुर के गाँव में अबकी कवनो आयोजन नइखे होखत.
हर साल भिखारी ठाकुर जयन्ती पर समारोह करे वाला ललन राय एगो दुर्घटना में घवाहिल भइला का बाद से बीमार बाड़न. भिखारी ठाकुर के गाँव कुतुबपुर गंगा के कटान में पड़े जात बा.
भिखारी ठाकुर के चिन्ता ओहू लोग के नइखे जे भोजपुरी के नाम पर तरह तरह के विश्व भा अखिल भारतीय नाम से संस्था बना के आपन गोटी सेट करे में लागल बाड़ें. बहुते लोग के त भिखारी ठाकुर के नामो से चिढ़ बा कि कतना बड़हन बड़हन पुरनिया साहित्यकारन के अनदेखी क के महज राजनीतिक मकसद से भिखारी ठाकुर के नाम जपल जात बा.
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